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दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस स्टेशनों में लगे सीसीटीवी कैमरों से पूरा परिसर कवर ना होने पर नाराजगी जताई है. राजधानी के पुलिस स्टेशनों में लगे सीसीटीवी कैमरों से स्टेशन परिसर पूरी तरह कवर नहीं किया जाता है. इस दावे के साथ हाईकोर्ट में दायर पीआईएल पर कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार के प्रति नाराजगी जताई है.
कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्यों अभी तक सभी पुलिस स्टेशनों में हर जगह सीसीटीवी नहीं लगाए गए हैं? हाईकोर्ट ने कहा कि हमने 2012 में ही आदेश कर दिए थे लेकिन आदेश के बावजूद अभी तक उसका पालन नहीं किया गया.
नाराज हाईकोर्ट ने कहा कि हर दिन पुलिस स्टेशनों में भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं. पांच साल कोर्ट के आदेश को पूरा करने के लिए बहुत होते हैं. दिल्ली के कई थानों में कैदियों की मौत तक हो चुकी है. ऐसे में हर जगह सीसीटीवी और फुटेज की रिकॉर्डिंग की सुविधा होनी बेहद जरूरी है.
हाईकोर्ट ने इस मामले को इसी मुद्दे पर पहले से चल रही एक और याचिका के साथ जोड़ दिया है और अगली तारीख पर दोनों याचिकाओं पर एक हाइकोर्ट 11 दिसंबर को सुनवाई करेगा.
दिल्ली पुलिस पहले ही मान चुकी है कि करीब 46 पुलिस स्टेशन बेहद संवेदनशील हैं और यहां पर सीसीटीवी कैमरों की बहुत ज्यादा जरूरत है. दिल्ली हाइकोर्ट 2011 में आदेश दे चुका है, लेकिन उसके बाद भी सिर्फ कुछ ही थानों में अब तक सीसीटीवी कैमरों को लगाया गया है.
अब तक पुलिस हिरासत में हुई कई मौतों पर भी सीसीटीवी फुटेज ना मिलने से मौत की सही वजह का पता नहीं चल पाया है, लेकिन पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही है. ऐसे में हाइकोर्ट चाहती है कि इस मामले की गंभीरता को सरकार भी समझे और पुलिस स्टेशनों में वहां के स्टाफ पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी रहे.