
दिल्ली मेट्रो में दिव्यांगों को लंदन की तर्ज पर घर से ट्यूब (लंदन की मेट्रो) तक लाने की सुविधा देने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने डीएमआरसी को नोटिस जारी किया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने डीएमआरसी से पूछा कि क्या लंदन ट्यूब जैसी सुविधा दिव्यांगों को घर से ट्यूब तक लाने और वापस घर तक पहुंचाने के लिए देती है? क्यों न ये सुविधा दिल्ली के दिव्यांगों को भी दी जाए?
दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट यह जानना चाहता है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिव्यांगों के लिए मेट्रो से सफर को आसान करने के लिए डीएमआरसी क्या-क्या सुविधाएं बढ़ा सकती है? फिलहाल कोर्ट एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें दिल्ली के सभी सरकारी विभागों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को दिव्यांगों के लिए अनुकूल (differently-abled friendly)बनाने की मांग की गई है.
कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि पुलिस विभाग से लेकर दिल्ली सरकार के तमाम दफ्तरों में ऑफिसर से लेकर चपरासी तक को इस बात की ट्रेनिंग दी जाए कि वो दिव्यांगों की दफ्तर पहुंचने तक मदद कैसे करें? शुरुआत में यह याचिका एक विकलांग वकील द्वारा ही यह कहकर लगाई गई थी कि दिल्ली सरकार लो-फ्लोर की बजाय स्टैंडर्ड फ्लोर बसें खरीदने जा रही है, जिसमें विकलांग सफर नहीं कर सकते.
इस याचिका के बाद ही दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार के स्टैंडर्ड फ्लोर बसों को खरीदने के नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी थी और कहा था कि सरकार इस बात का जवाब दे कि लो-फ्लोर बसों की बजाय सरकार स्टैंडर्ड फ्लोर बसें क्यों खरीद रही है? दिल्ली हाईकोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को करेगा.
अगली सुनवाई पर डीएमआरसी को दिल्ली हाईकोर्ट को यह बताना है कि लंदन की ट्यूब की तर्ज पर क्या दिल्ली की मेट्रो दिव्यांगों को उनके सफर को और आसान बनाने के लिए यह सुविधाएं दे सकती है या नहीं? अगर दिल्ली मेट्रो दिव्यांगों के सफर को आसान बनाने के लिए सुविधाएं देती है, तो इन पर कितना खर्च डीएमआरसी पर अतिरिक्त आएगा?