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DMRC और CISF के कर्मचारियों के बीच हुई मारपीट पर दिल्ली HC ने मांगा जवाब

बता दें कि मामला 31 मई का है, जिसमें आरोप है कि डीएमआरसी के स्टेशन मास्टर के साथ पार्किंग के विवाद को लेकर सीआईएसएफ के जवानों ने मारपीट की. इस मारपीट के चलते उस वक्त मेट्रो की सेवाएं तकरीबन 20 मिनट के लिए स्थगित भी करनी पड़ी.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
सना जैदी/पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 06 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 2:49 AM IST

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के कर्मचारियों के बीच हुई मारपीट के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों से अपना जवाब कोर्ट में दाखिल करने के लिए कहा है. गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों पक्षों को नोटिस जारी करते हुए 16 जुलाई तक जवाब देने का वक्त दिया है.

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बता दें कि मामला 31 मई का है, जिसमें आरोप है कि डीएमआरसी के स्टेशन मास्टर के साथ पार्किंग के विवाद को लेकर सीआईएसएफ के जवानों ने मारपीट की. इस मारपीट के चलते उस वक्त मेट्रो की सेवाएं तकरीबन 20 मिनट के लिए स्थगित भी करनी पड़ी थी. डीएमआरसी के स्टेशन मास्टर ने आरोप लगाया कि CISF के जवान मनमानी करते हैं और गाड़ी की पार्किंग उस जगह करते हैं जहां पार्किंग की जगह ही नहीं है.

जब बार-बार कहने पर भी सीआईएसएफ के जवानों ने गाड़ियां पार्किंग की जगह नहीं लगाई तो गाड़ियों के टायर की हवा निकाल दी गई. उसके बाद ही स्टेशन मास्टर की पिटाई CISF के जवानों द्वारा कर दी गई. द्वारका के सेक्टर 21 के मेट्रो स्टेशन पर हुई इस घटना के बाद डीएमआरसी के स्टाफ ने सुरक्षा की मांग भी की थी.

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दोनों पक्षों की तरफ से मारपीट की इस घटना को लेकर दो अलग-अलग आरोप हैं. पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की हुई है, दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्रीय कर्मचारी पूर्ण चंद्र आर्य ने याचिका लगाई है कि मारपीट की इस पूरी घटना को लेकर एक इंक्वायरी कमेटी गठित की जाए. जिससे इस तरह की घटनाएं दोबारा ना हों. याचिका में सीआईएसएफ के उन जवानों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है, जिन्होंने डीएमआरसी के स्टेशन मैनेजरों के साथ मारपीट की.

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