
दिल्ली के नालों की सफाई और जलभराव को लेकर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली अब खुद मलबा घर हो गई है. हम लोग आशावादी हैं, लेकिन सुधार की कोई किरणें दिखाई नहीं दे रही.
घूमती रहीं फाइलें
दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया की पीडब्ल्यूडी के पास दिल्ली का सिर्फ 3 फीसदी इलाका है, जबकि एमसीडी के पास 97 फीसदी इलाका आता है. 53 एमएम बारिश 2 घंटे मे हो गई, जो बहुत ज्यादा थी. उसके बावजूद दिल्ली सरकार ने 1068 कर्मचारी और पानी की 239 मोटर्स जगह-जगह जलभराव हटाने को लगाई. कोर्ट ने पूछा कि कोर्ट के आदेश पर आपने क्या किया? दिल्ली सरकार ने कहा की हम इसलिए काम नहीं कर पाए क्योंकि जो काम करने थे, उसको लेकर फाइल्स एलजी और केंद्र सरकार के पास ही घूमती रहीं.
कोर्ट तय करेगा जिम्मेदारी
कोर्ट ने कहा की हमें आपकी लड़ाई से लेना-देना नहीं है. हमे काम चाहिए. कोर्ट ने कहा कि हम जिम्मेदारी तय करेंगे कि कौन सा काम किस विभाग और सरकार के जिम्मे होगा. हम ये भी जानते है कि सभी विभागों ने अपना काम जिम्मेदारी से पूरा नहीं किया. किया होता तो दिल्ली का ये हाल ही नहीं होता. हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा कि अभी आपको बहुत सारी चीजें करने की जरूरत है. 11 मई को हमने विस्तृत गाइडलाइंस दी थी. हम जानना चाहते हैं कि उनका पालन सरकार और सिविक एजेंसियों ने अब तक किया या नहीं.
MCD पर कोर्ट का हमला
कोर्ट ने MCD पर सवाल उठाया कि एक तरफ MCD फंड का रोना रो रही है, जबकि दूसरी तरफ वो लोगों से प्रॉपर्टी टैक्स नहीं वसूल रही है. दिल्ली सरकार ने बताया कि प्रॉपर्टी टैक्स देने वाले दिल्ली मे 3 लाख 95 हजार लोग हैं. हाई कोर्ट ने पूछा कि सिविक एजेंसिया के पास प्लास्टिक वेस्ट डिस्पोजल के लिए बाई लॉ क्या है. एजेंसी ने बताया कि सच में अभी कोई मैनेजमेंट सिस्टम नहीं है. प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स नहीं है. कोर्ट ने कहा कि इसका मतलब आपने अब तक कुछ नहीं किया. जो कमेटी बनाई गई, उसने भी 6 महीने में कुछ नहीं किया.
एमसीडी के खिलाफ अवमानना का मामला?
कोर्ट ने कहा की आपने 25 जुलाई को आपने कमेटी क्यों बनाई? हमने 11 मई के आदेश में कहा था कि एक हफ्ते में कमेटी बनाई जाए. क्यों न आपके खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया जाए. आप ने न तो कोर्ट से एक्सटेंशन लिया और न ही कोर्ट के आदेश को गंभीरता से लेते हुए 1 हफ्ते मे कमेटी का गठन किया. वकील के माफी मांगने के बाद कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते में अगर इस पर मीटिंग नहीं की तो हम आपके खिलाफ अवमानना नोटिस जरूर जारी करेंगे.
कोर्ट ने ये भी पूछा कि क्या आप सरप्राइज चेक के लिए तैयार है कि आपके सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं या नहीं. वो काम पर जा भी रहे हैं या नहीं. MCD के वकील ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर सरप्राइज चेक कर सकते हैं.