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एयरफोर्स ने बनाया दिल्ली की 'डबल' सुरक्षा का प्लान, परिंदे भी नहीं मार पाएंगे पर

रक्षा सूत्रों के अनुसार रक्षा मंत्रालय की सरकारी खरीदों पर निर्णय लेने वाले विभाग डिफेंस एक्वेजिशन काउंसिल के पास जल्द इस तरह का प्रस्ताव भेजा जाएगा. इस सिस्टम के तहत पहले क्रूज मिसाइलों को 25 किमी की दूरी पर रोकने की कोशिश होगी. विफल होने पर उन्हें 5 से 6 किमी के दायरे में रोकने की दोबारा कोशिश होगी.

आकाश मिसाइल आकाश मिसाइल
अंकुर कुमार
  • नई दिल्ली ,
  • 09 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 4:54 PM IST

राजधानी दिल्ली को दुश्मन देशों के हवाई हमलों से बड़ी सुरक्षा मिलने जा रही है. दिल्ली में रह रहे महत्वपूर्ण लोगों और यहां मौजूद महत्वपूर्ण ठिकानों की सुरक्षा के लिए इंडियन एयरफोर्स दो लेयर में एयर डिफेंस सिस्टम इंस्टॉल करने की कोशिश कर रहा है. यह डिफेंस सिस्टम दुश्मनों के एयरक्राफ्ट, ड्रोन और हेलिकॉप्टर की खतरनाक मंसूबों को नाकाम करने के काबिल होगा.

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रक्षा सूत्रों के अनुसार रक्षा मंत्रालय की सरकारी खरीदों पर निर्णय लेने वाले विभाग डिफेंस एक्वेजिशन काउंसिल के पास जल्द इस तरह का प्रस्ताव भेजा जाएगा. इस सिस्टम के तहत पहले क्रूज मिसाइलों को 25 किमी की दूरी पर रोकने की कोशिश होगी. विफल होने पर उन्हें 5 से 6 किमी के दायरे में रोकने की दोबारा कोशिश होगी.

इस सिस्टम को राष्ट्रपति भवन, संसद जैसे महत्वपूर्ण ठिकानों पर लगाया जाएगा. सूत्र के अनुसार हमारे देश के पास अपना बनाया हुआ एयर‍ डिफेंस सिस्टम आकाश मिसाइल है. हालांकि डीआडीओ अभी भी ऐसे रक्षा तंत्र को विकसित करने की कोशिश कर रहा है जो  से 6 किमी के दायरे के नीचे लेवल पर भी मिसाइल अटैक रोक पाए.

वहीं एक और डील के तहत महत्वपूर्ण शहरों और जगहों को चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशों के मिसाइल अटैक से बचाने के लिए सिस्टम लगाने की कोशिश हो रही है. इसके तहत मिसाइल के बारे 400 किमी की दूरी से पहले ही अलर्ट करने वाले वॉर्निंग सिस्टम को तैनात करने की कोशि‍श हो रही है. इसके लिए इस तरह के डिफेंस सिस्टम एस 400 को रूस से खरीदने की कोशि‍श हो रही है.

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एयरफोर्स ने एस 400 का ट्रायल कर लिया है और अंतिम कीमत पर बातचीत की जा रही है. इस सिस्टम को खरीदने में 37,000-38,000 करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं. इसके साथ ही स्वदेशी बलिस्टिक मिसाइल डिफेंस शील्ड प्रोजेक्ट पर भी काम चल रहा है. स्वदेशी बलिस्टिक मिसाइल डिफेंस शील्ड प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली और मुंबई को बलिस्टिक मिसाइल से सुरक्षा की तैयारी हो रही है.इस डीआरडीओ प्रोजेक्ट के तहत लंबी दूरी से आने वाले मिसाइलों (जैसे 2000 किमी और उससे ज्यादा या 30 से 120 किमी की ऊंचाई से आनी वाली मिसाइलें) शामिल हैं.

पिछले कुछ सालों में भारत एयर डिफेंस को मजबूत करने के लिए काफी कदम उठा रहा है.भारत ने सरहद पर अब एक ऐसा एयर डिफेंस सिस्टम लगाया है, जो पाकिस्तान की तरफ से आने वाले किसी भी हवाई खतरे को पल भर में ढेर कर देगा. स्पाइडर एयर डिेफेंस सिस्‍टम को पाकिस्तान से लगने वाली सीमा पर तैनात कर दिया गया है. यह सिस्‍टम किसी भी एयरक्राफ्ट, क्रूज मिसाइल, सर्विलांस प्‍लेन या फिर हर उस ड्रोन का पता लगाएगा जो भारत के एयरस्‍पेस का उल्‍लंघन करेंगे. पाकिस्‍तान की ओर से भारत पर हर पल खतरा बढ़ता जा रहा है. ऐसे में भारत को अपनी तैयारियां पूरी रखनी है. इन्‍हीं तैयारियों का हिस्‍सा है पश्चिमी सीमा पर तैनात हुआ स्‍पाइडर इजरायल एयर मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम, जिसे अंतराष्‍ट्रीय बॉर्डर की ताकत बढ़ाने के मकसद से तैनात किया गया है.

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वहीं एनडीए सरकार ने 18000 करोड़ रुपये के MR-SAM मिसाइल खरीदने वाले प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दी हे. वहीं जवानों के कंधों पर से चलाए जाने वाले तीन तरह के एयर डिफेंस सिस्टम को खरीदने की मंजूरी मिली है.

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