
पिछले कुछ दिनों से दिल्ली विश्वविद्यालय में आरक्षण का मुद्दा लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. भाजपा विधायक मनजिन्दर सिंह सिरसा ने आज विधानसभा में बोलते हुए दिल्ली के निवासी विद्यार्थियों को दाखिले के समय दिल्ली विश्वविद्यालय में आरक्षण देने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली युनिवर्सिटी अधिनियम संसद से पारित हुआ है. इसमें कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि दिल्ली के निवासियों को दिल्ली विश्वविद्यालय में आरक्षण नहीं दिया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 15(1) के अन्तर्गत दिल्ली विश्वविद्यालय और इसके कॉलेजों में दिल्ली के निवासियों को आरक्षण दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस दिशा में कोई कानूनी अड़चन नहीं है. उन्होंने दिल्ली सरकार से मांग की वह दिल्ली विश्वविद्यालय में आरक्षण के लिए गम्भीरतापूर्वक प्रयास करें. उन्होंने बताया कि दिल्ली गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा संचालित दिल्ली विश्वविद्यालय के चार कॉलेजों में 50 प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों में आरक्षण दिया जा सकता है.उन्होंने दिल्ली सरकार से आहवान् किया कि वे अपने द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में सबसे पहले दिल्लीवासियों के लिए आरक्षण की शुरूआत करें.
दिल्ली सरकार ने 20 नए कॉलेज खोलने का वायदा किया हुआ है. वह प्रारम्भ में ही स्कूल बिल्डिंगों को इस काम के लिए प्रयोग कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त मॉर्निंग शिफ्ट में चलने वाले कॉलेजों में ईवनिंग शिफ्ट प्रारम्भ कर सकते हैं.
सिरसा ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय का विशिष्ट स्टेटस है. यह फंडिंग इत्यादि के लिए केन्द्रीय विश्वविद्यालय है परन्तु तकनीकि रूप से इसका दायरा दिल्ली तक सीमित है. उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के सारे कॉलेज दिल्ली की सीमा में ही हैं. यहां तक कि गुरूग्राम, गाजियाबाद जैसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय का एक भी कॉलेज नहीं है.
सिरसा ने बताया कि वह आरक्षण की मांग को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के उपकुलपति से मिले थे. उन्हें बताया गया था कि दिल्ली के निवासियों का दिल्ली विश्वविद्यालय में आरक्षण उनका संवैधानिक अधिकार है. यह दिल्ली विश्वविद्यालय अधिनियम के अनुकूल है. उपकुलपति ने कहा कि वे इस मामले पर विचार करेंगे.