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मैक्स विवाद के बाद तिवारी ने केजरीवाल से पूछे ये पांच सवाल

इसके पहले जब तिवारी के ट्वीट पर आप नेताओं ने तिवारी को घेरना शुरू किया तो बीजेपी ने भी अपने प्रवक्ताओं की फौज मैदान में उतार दी. बात मैक्स से निकलकर सरकारी अस्पतालों की खस्ता हालत पर पहुंच गई.

केजरीवाल और मनोज तिवारी (फाइल फोटो) केजरीवाल और मनोज तिवारी (फाइल फोटो)
कपिल शर्मा/सना जैदी
  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:52 PM IST

शालीमार बाग के मैक्स हॉस्पिटल का केजरीवाल सरकार ने लाइसेंस रद्द किया तो दिल्ली में सियासी भूचाल आ गया. सख्त और बड़े फैसले को आम आदमी पार्टी ने जनता की जीत बताया तो दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी के ट्वीट को लेकर केजरीवाल और उनकी पार्टी ने बीजेपी पर हमला बोल दिया.

तिवारी ने एक ट्वीट कर सवाल उठाया था कि जब केजरीवाल के मंत्री डिग्री के फर्जीवाड़े में फंसे थे, तो क्या पूरी केजरीवाल सरकार पर कार्यवाही हुई थी. इसके बाद से आम आदमी पार्टी और बीजेपी में जुबानी जंग छिड़ी हुई है. इससे अस्पतालों की मनमानी और सरकार की निगरानी का सवाल तो पीछे छूट गया लेकिन सियासत हावी हो गई.

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जब विवाद बढ़ा तो न सिर्फ तिवारी की सफाई सामने आई बल्कि सफाई के साथ पांच सवाल भी साथ लेकर आ गए. एक बयान जारी कर मनोज तिवारी ने कहा कि मैक्स हॉस्पिटल में जिन डॉक्टर्स ने सांस चल रहे नवजात शिशु को मृत घोषित कर दिया वो एक बहुत ही हृदय विदारक गलती है. उनको कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए. लेकिन कुछ बड़े सवाल हैं, जिनका जवाब केजरीवाल को भी देना चाहिए.

तिवारी ने केजरीवाल से पूछे ये सवाल-

1- दिल्ली सरकार ने ऐसे अस्पतालों की मनमानी बिल पद्धति और लूट पर अंकुश लगाने के लिए क्या पॉलिसी बनाई है. क्या दिल्ली सरकार इस पर गंभीर नहीं है?

2- हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द करने के परिणाम स्वरूप सैकड़ों गरीब कर्मचारी बेरोज़गार हो गए. उनके लिए क्या विकल्प सोचा है?

3- सैकड़ों गंभीर मरीज का इलाज का विकल्प क्या है, इस हॉस्पिटल में कितने मरीज़ EWS के हैं?

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4- सरकारी अस्पतालों को दुरुस्त क्यूं नहीं कर रहे?

5- क्या सरकारी अस्पतालों को भी ऐसी लापरवाही पर बैन किया जाएगा?

6- केंद्र सरकार की वो नीति जो प्राइवट अस्पतालों पर अंकुश लगाती हैं, उसे दिल्ली सरकार ने क्यों नहीं लागू किया?

इसके पहले जब तिवारी के ट्वीट पर आप नेताओं ने तिवारी को घेरना शुरू किया तो बीजेपी ने भी अपने प्रवक्ताओं की फौज मैदान में उतार दी. बात मैक्स से निकलकर सरकारी अस्पतालों की खस्ता हालत पर पहुंच गई. दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना के मुताबिक दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में लोग जाना नहीं चाहते, क्योंकि वहां इलाज की सुविधा मुहैया नहीं है. पहले ही अस्पतालों में मरीजों को बिस्तर मुहैया नहीं है, ऐसे में सिर्फ राजनीतिक फायदा लेने के लिए एक अस्पताल को बंद कर देना कहां का इंसाफ है. सज़ा दोषियों को मिलनी चाहिए.

खुराना ने कहा कि उनकी पार्टी मैक्स अस्पताल का समर्थन नहीं कर रही है, लेकिन केजरीवाल सरकार का फैसला सिर्फ राजनीति से प्रेरित है, जिसमें लोगों की भावनाओं को अपनी तरफ करने की कोशिश है. जबकि अस्पताल में भर्ती मरीजों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए था.

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