
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता शब्बीर शाह और हवाला कारोबारी मोहम्मद असलम वानी के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं. कोर्ट के सामने दोनों आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताते हुए कोर्ट से ट्रायल की प्रक्रिया शुरू करने की गुज़ारिश की. ईडी ने 23 सितंबर 2017 को शब्बीर शाह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर आरोप लगाया था कि वह पाकिस्तानी आतंकी हाफिज सईद के संपर्क में था. ईडी ने अपनी 700 पन्नों की चार्जशीट में 19 लोगों को गवाह बनाया गया है.
ईडी ने शब्बीर शाह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत चार्जशीट दाखिल की थी, इसमें ईडी ने कोर्ट को बताया था कि शब्बीर ने अपने बयान में कहा कि उसकी आय का कोई स्रोत नहीं है और वो आयकर रिटर्न भी फाइल नहीं करता. वहीं मोहम्मद असलम वानी ने ईडी को दिए अपने बयान में कहा था कि वह शब्बीर के कहने पर अप्रैल 2003 में कई बार श्रीनगर से दिल्ली आया और गया था. वानी को ईडी ने 6 अगस्त 2017 को गिरफ्तार किया था.
ईडी ने अपनी चार्जशीट में ये भी आरोप लगाया था कि शाह ने असलम वानी को कमीशन पर काम करने को कहा था. असलम को दिल्ली से हवाला का पैसा श्रीनगर में उसे डिलीवर करने का काम सौंपा गया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 2.25 करोड़ रुपये शब्बीर शाह को देने के मामले में 2005 में पहली बार असलम वानी को गिरफ्तार किया था.
इसी को आधार बनाते हुए ईडी ने शब्बीर शाह और असलम वानी के खिलाफ 2007 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. 2005 के आतंकी फंडिंग के मामले में निचली अदालत ने उसे 2010 और हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था, लेकिन उसे आर्म्स एक्ट के तहत सजा सुनाई गई थी. इसी साल अगस्त 2017 को कश्मीर पुलिस की मदद से ईडी ने असलम वानी को गिरफ्तार किया था और वह इस समय न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है. शब्बीर शाह को श्रीनगर पुलिस ने 26 जुलाई को गिरफ्तार किया था. पटियाला कोर्ट कई बार उनकी ज़मानत याचिका को भी खारिज़ कर चुका है.