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प्रदूषण के मद्देनजर NGT का फैसला, पंजाब में 4 महीने के लिए ईंटों के भट्टे होंगे बंद

पंजाब और दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एनजीटी ने फैसला सुनाया है कि पंजाब में 31 अक्टूबर से 28 फरवरी तक सभी ईंटों के भट्टे बंद रहेंगे.

प्रतीकात्मक तस्वीर (इंडिया टुडे आर्काइव) प्रतीकात्मक तस्वीर (इंडिया टुडे आर्काइव)
सना जैदी/पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 26 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 8:23 AM IST

वायु प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सख्त रुख अपनाते हुए गुरुवार को आदेश दिया कि पंजाब में 31 अक्टूबर से 28 फरवरी तक सभी ईंटों के भट्टे बंद रहेंगे.  दरअसल, एनजीटी का ये आदेश पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के उस आदेश को ही बरकरार रखने का निर्देश है जिसमें बोर्ड ने नवंबर से फरवरी तक सभी ईंटों के भट्टे बंद रखने का आदेश दिया था.

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लेकिन ईंटों के भट्टों के मालिकों ने पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आदेश को अपीलेट अथॉरिटी में चुनौती दी. जहां पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के फैसले को पूरी तरह बदलकर भट्टा मालिकों के हक में फैसला दिया लेकिन अपीलेट अथॉरिटी के इस फैसले को आगे कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एनजीटी में चुनौती दी. एनजीटी ने बिना देर किए अपीलेट अथॉरिटी के फैसले को बदलते हुए पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के फैसले को दोबारा लागू करने की राज्य सरकार को आदेश दे दिए.

पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के वकील नागेंद्र बेनीपाल ने 'आज तक' से खास बातचीत में बताया कि सुनवाई के दौरान एनजीटी ने सरकार को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि इन 4 महीनों में जब भट्टा मालिक ईंटों का निर्माण ना कर रहे हों तब भी ईंटों की कीमत में बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा एनजीटी ने यह भी सुनिश्चित करने के आदेश पंजाब सरकार को दिए हैं कि भट्टा मालिक जहां ईंटें बनाते हैं वहां भी जमीन से धूल ना उड़े इसके लिए उस जगह को पक्का करवाया जाए. जो भट्टा मालिक इस आदेश का पालन नहीं करेंगे उन पर जुर्माना लगाया जाए.

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पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और एनजीटी के 4 महीने ईंटों के भट्टों को बंद करवाने के निर्देश के पीछे यह देखने की मंशा है कि इससे प्रदूषण पर कितनी लगाम लगती है. अगर यह प्रयास कारगर रहा तो मुमकिन है कि हर साल पंजाब में नवंबर से फरवरी के बीच 4 महीने के लिए भट्टों को बंद कर दिया जाएगा.

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