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दमकल विभाग कर सकता है डीजल गाड़ियों का इस्तेमालः NGT

इमरजेंसी हालातों के लिए जरूरी डीजल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की इजाजत एनजीटी ने दे दी है. हालांकि फायर सर्विस ने एनजीटी को बताया है कि ये सभी नई गाड़ियां बीएस-4 मानकों के अनुरूप है.

नए डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन चाहता है दमकल विभाग नए डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन चाहता है दमकल विभाग
केशव कुमार/पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 5:16 PM IST

एक तरफ दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) राजधानी से डीजल की गड़ियों को हटाने के लगातार आदेश दे रही है. दूसरी तरफ केंद्र और राज्य सरकारों के पास अभी भी अपने विभागों के पास डीजल वाहनों का कोई और विकल्प नहीं है.

नए डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन चाहता है दमकल विभाग
दिल्ली की फायर सर्विस ने एनजीटी में अर्जी लगाई है कि वो 10 और नए डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराना चाहती है. साथ ही फायर सर्विस ने अपनी अर्जी में ये भी साफ किया है कि जिस तरह की मजबूत और आग बुझाने में कारगर बड़ी गाड़ियों की जरूरत है वो डीजल ईंजन में ही मौजूद है. सीएनजी या पेट्रोल में यह मुहैया नहीं हो रहा.

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एनजीटी ने दी इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत
ऐसे में इमरजेंसी हालातों के लिए जरूरी इन गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की इजाजत एनजीटी ने दे दी है. हालांकि फायर सर्विस ने एनजीटी को बताया है कि ये सभी नई गाड़ियां बीएस-4 मानकों के अनुरूप है.

10 साल से पुराने 66 गाड़ी फेज आउट
दिल्ली फायर सर्विस के फिलहाल दिल्ली में 59 फायर स्टेशन है. उन्हें आग लगने वाली जगहों से बचाव के लिए हर साल करीब 27 हजार कॉल आती है. लिहाजा गाड़ियों की संख्या को बढ़ाना बेहद जरूरी है. फायर सर्विस 2014 से अब तक अलग-अलग फायर स्टेशनों से करीब 66 ऐसे डीजल वाहनों को फेज आउट कर चुकी है, जो 10 साल से ज्यादा पुराने थे.

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