
आर्थिक स्थिति खराब होने से परेशान नॉर्थ एमसीडी के लिए राजस्व की नज़र से अच्छी खबर आई है. नॉर्थ एमसीडी अब दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन यानी डीएमआरसी से सर्विस चार्ज की बजाय प्रॉपर्टी टैक्स वसूल पाएगी. इस बाबत एक प्रस्ताव नॉर्थ एमसीडी में पास किया गया है.
दरअसल, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन अभी तक अपनी सम्पत्तियों को केंद्र सरकार की सम्पत्ति बताकर 5 फीसदी की दर से सर्विस चार्ज दे रहा है, लेकिन इस प्रस्ताव के पारित होने से अब डीएमआरसी से नॉर्थ एमसीडी हाउस टैक्स लेगी. निगम के मुताबिक इससे नॉर्थ एमसीडी को सालाना करीब 80 करोड़ रुपये की आय होगी.
निगम अधिकारियों के मुताबिक डीएमआरसी जिन सम्पत्तियों का व्यवसायिक इस्तेमाल कर रही है. उनसे नॉर्थ एमसीडी कमर्शियल रेट पर सम्पत्ति कर लेगी, जबकि दूसरी सम्पत्तियों से अलग-अलग कैटेगरी यानी 'A' से लेकर 'H' की दरों से सम्पत्ति कर लिया जाएगा.
निगम के एक आला अधिकारी ने बताया कि नॉर्थ एमसीडी ने बिगड़ती आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकारी विभागों से सम्पत्ति कर वसूलने की कोशिश शुरू की, लेकिन ज्यादातर मामलों में विभाग कोर्ट चले गए और मामला अदालती कार्यवाही में होने के कारण नॉर्थ एमसीडी उनसे वक़्त पर सम्पत्ति कर नहीं वसूल पा रही है.
इसी तरह के मामले में मिल चुकी है जीत
स्थायी समिति अध्यक्ष तिलकराज कटारिया के मुताबिक इसी तरह के एक मामले में हाल ही में नॉर्थ एमसीडी को जीत मिल चुकी है. बिजली वितरण कम्पनी से भी जब नॉर्थ एमसीडी ने सम्पत्ति कर वसूली की कोशिश की तो वो कोर्ट चलीं गई, लेकिन कोर्ट ने नॉर्थ एमसीडी के हक में फैसला सुनाया. यही वजह है कि अब सरकारी विभागों से सम्पत्ति कर वसूलना शुरू किया गया है, जिससे नॉर्थ एमसीडी की माली हालत सुधारी जा सके.