
नॉर्थ एमसीडी में महिला अफसर रेणु जगदेव द्वारा कमिश्नर मधुप व्यास पर लगाए गए आरोपों का मामले पर MCD की ओर से सफाई पेश की गई है. नार्थ दिल्ली के मेयर ने आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया है.
मेयर आदेश गुप्ता ने इस मामले पर कहा कि आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. कमेटी में चीफ विजिलेंस ऑफिसर दीपक पुरोहित, एडिशनल कमिश्नर एस के भंडारी और एडिशनल कमिश्नर युवी त्रिपाठी शामिल हैं. कमेटी एक महीने के अंदर सभी आरोपों की जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी.
इसके अलावा एमसीडी ने सफाई देते हुए कहा कि रेणु जगदेव को रिलीव करने के आदेश सदन से पारित थे. एमसीडी ने आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि खैबर पास की ज़मीन L&DO के ही पास थी जिसकी जानकारी एमसीडी को पहले भी कई बार दी जा चुकी थी.
विपक्ष का आरोप, जांच समिति कमज़ोर
मेयर के जांच समिति के ऐलान के बाद कांग्रेस ने जांच समिति को कमज़ोर बताते हुए मेयर पर मामले में मिलीभगत का आरोप लगाया है. नार्थ एमसीडी में कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने आरोप लगाया है कि जिन लोगों के ऊपर जांच का ज़िम्मा है वो कमिश्नर के ही अधीन आते हैं ऐसे में मामले की निष्पक्ष जांच कैसे होगी.
गोयल ने आरोप लगाते हुए कहा कि कमिश्नर के ऊपर लगे आरोपों की जांच एडिशनल कमिश्नर करेंगे? ये कैसे हो सकता है कि एक जूनियर अधिकारी अपने सीनियर अधिकारी के ऊपर लगे आरोपों की जांच करे.
मुकेश गोयल ने मांग की है कि कमिश्नर पर लगे आरोपों की जांच किसी निष्पक्ष और स्वतंत्र एजेंसी या CBI से कराई जाए. गोयल ने कहा कि ये जांच कमेटी महज एक दिखावा है और मामले को रफादफा करने का प्रयास है.