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नोटबंदी का 1 साल, उस दिन पानी खरीदने के लिए भी तरस गए थे लोग!

एक साल पूरा होने पर लोग अपने उन अनुभवों को अपने तरीके से याद कर रहे हैं जो उन्होंने उन दिनों झेला है. नोटबंदी शब्द लोगों के लिए एकदम नया तो था ही, लोगों ने कभी सोचा भी नहीं था कि अचानक ऐसा भी हो सकता है इसीलिए लोगों के नोटबंदी के बाद के कई खट्टे-मीठे अनुभव जुड़े हुए हैं.

फाइल फोटो फाइल फोटो
कपिल शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:32 PM IST

पिछले साल 8 नवंबर से नोटबंदी लागू हुई थी, इस साल उसकी पहली बरसी है. इससे जूझने वाले हर तबके के लोगों के लिए ये साल नए अनुभवों वाला रहा. एक साल पूरा होने पर लोग अपने उन अनुभवों को अपने तरीके से याद कर रहे हैं जो उन्होंने उन दिनों झेला है. नोटबंदी शब्द लोगों के लिए एकदम नया तो था ही, लोगों ने कभी सोचा भी नहीं था कि अचानक ऐसा भी हो सकता है इसीलिए लोगों के नोटबंदी के बाद के कई खट्टे-मीठे अनुभव जुड़े हुए हैं.

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बाजार में खरीदारी करने आयी मंजू टंडन तो उस दिन ट्रेन में थीं, जैसे ही नोटबंदी के दौरान के तजुर्बे की बात आयी मंजू ने झट से अपनी पूरी आपबीती सुना डाली. मंजू ने बताया कि कैसे उन्हें नोटबंदी के बाद पानी की बोतल खरीदने के लिए भी कैश की किल्लत से जूझना पड़ा. उनके मुताबिक रेलवे स्टेशन पर नोटबंदी की घोषणा के बाद उनके पास चेंज पैसे नहीं थे. पांच सौ और हज़ार के नोट चलना बंद हो गए थे, ऐसे में उन्हें पानी और खाने की चीजें खरीदने के लिए अच्छा खासा संघर्ष करना पड़ा.

दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में रहने वाली सलोनी कहती हैं कि उनके घर में शादी थी और अचानक नोटबंदी का फैसला लागू हो गया. अचानक आयी कैश की किल्लत ने शादी की रंगत को ही बदल दिया था. वो हंसते हुए कहती हैं कि उन्हें शादी में शगन भी नहीं मिल पाया था, क्योंकि घर में कैश ही नहीं था.

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कनॉट प्लेस में खरीददारी करने आयीं शिल्पी को एक साल बाद बैंक और एटीएम के बाहर लगी लाइनें याद आयीं. शिल्पी ने कहा कि उन्हें कभी बैंक जाने की ज़रूरत महसूस नहीं हुई, लेकिन नोटबंदी के बाद आज भी उन्हें याद है कि कैसे घंटों एटीएम की लाइन में लगना पड़ा. नीलम को भी बैंक की लाइन याद आयी. उनके मुताबिक बैंक की कतार में जब काफी देर तक उनका नंबर नहीं आया, तो वो खाना खाने के लिए किसी और को अपनी जगह लाइन में लगाकर गई थीं.

आज एक साल बाद लोग नोटबंदी के दौरान हुए अनुभवों को लेकर चुटकी भी लेते हैं. लोगों को राहत इस बात की है कि एक साल बाद उन्हें लाइन में लगना नहीं पड़ रहा और अब कैश की किल्लत नहीं रही. लेकिन महिलाओं को खासतौर पर शिकायत इस बात की है कि जो पैसा उन्होंने छुपा छुपा कर जमा किया था, वो सब सामने आ गया.

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