
राहुल गांधी बोले, 'गुजरात चुनाव पर उसी तरह फोकस, जिस तरह अर्जुन ने मछली की आंख पर किया था'
कांग्रेसजनों को जिस घड़ी का मुद्दत से इंतजार था, आखिर वो आ ही गई. गाधी-नेहरू खानदान की पांचवीं पीढ़ी 11 दिसंबर को कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी आधिकारिक तौर पर संभाल लेगी. सोनिया गांधी के 19 साल तक ‘ग्रेंड ओल्ड पार्टी’ की कमान संभालने के बाद अब पार्टी में शीर्ष स्तर पर परिवर्तन होने जा रहा है. सोनिया गांधी की जगह उनके बेटे राहुल गांधी की ताजपोशी गुजरात-हिमाचल चुनाव के नतीजे आने से एक हफ्ते पहले ही हो जाएगी. कांग्रेस कार्यसमिति ने कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव शेड्यूल को हरी झंडी दे दी है.
कुल मिलाकर गुजरात चुनाव की प्रक्रिया जारी रहने के दौरान ही राहुल की ताजपोशी का रास्ता साफ हुआ तो कार्यसमिति की बैठक में गुजरात का छाए रहना स्वाभाविक था. सूत्रों के मुताबिक बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव शेड्यूल के अलावा गुजरात से जुड़े मुद्दों पर ही फोकस रहा. सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी ने बैठक में गुजरात चुनाव पर उसी तरह ध्यान होने की बात कही जिस तरह महाभारत में अर्जुन का मछली की आंख पर निशाना साधते वक्त था.
सोमवार को बतौर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक अपने घर पर सुबह 10.30 बजे बुलाई. बैठक में कांग्रेस के संगठन महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव का शेड्यूल पढ़ा, जिसको कार्यसमिति ने सर्वसम्मति से मंज़ूर कर दिया. 10 मिनट के भीतर ये प्रक्रिया पूरी हो गई.
प्रक्रिया के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए 1 दिसंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी. 4 दिसंबर नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख होगी. फिर 5 दिसंबर को नामांकन पत्रों की जांच पड़ताल होगी. इसके बाद 11 दिसंबर को नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख होगी. जरूरत पड़ने पर 16 दिसंबर को मतदान और 19 दिसंबर को मतों की गिनती होगी. लेकिन सिर्फ राहुल के नामांकन भरने की सूरत में 5 दिसंबर को ही उनका अध्यक्ष बनना साफ हो जाएगा और 11 दिसंबर को राहुल पार्टी के अध्यक्ष घोषित हो जाएंगे.
कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव शेड्यूल के बाद बाकी विषयों पर चर्चा हुई. बैठक में गुजरात चुनाव पर खास फोकस रहा. सूत्रों की मानें तो बैठक में सोनिया गांधी ने भाषण देकर मोदी सरकार पर हमला बोला तो गुजरात में राहुल और पार्टी की मेहनत की तारीफ की. साथ ही गुजरात चुनाव में खास ख्याल रखने के लिए आगाह किया कि लोग झूठ के झांसे में ना आएं और राज्य में बीजेपी सरकार की हार सुनिश्चित हो.
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में राहुल ने भविष्य की अपनी रणनीति की भी झलक दिखाई. राहुल ने कांग्रेस नेताओं से दो टूक कहा कि, ‘भ्रष्टाचार की बात करने वाले अमित शाह के बेटे और राफेल मामले में चुप क्यों हैं, हमको चाहिए कि, टारगेट करके उनको जवाब देने के लिए मजबूर करें.’
कार्यसमिति की बैठक में ईवीएम का मामला भी उठा. गुजरात चुनाव में VVPAT मशीनों के खराब होने के जिक्र पर तय किया गया कि जल्दी ही गुजरात में कांग्रेस के प्रभारी इनचार्ज अशोक गहलोत एक प्रतिनिधिमंडल के साथ चुनाव आयोग से इस मुद्दे पर मिलेंगे. साथ ही पार्टी सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान भी अपना पक्ष रखेगी.
सूत्रों के मुताबिक कार्यसमिति की बैठक में सभी नेताओं ने संसद का शीतकालीन सत्र देर से बुलाये जाने पर सरकार को घेरने की बात की, तो राहुल ने महाभारत के अर्जुन का उदाहरण देते हुए कहा, ‘सियासत में किसी मुद्दे पर आगे बढ़ें तो फिर मछली की आंख की तरह उस पर निशाना लगाएं. फिलहाल पार्टी को इसी तरह गुजरात चुनाव पर ध्यान देना है.’
ऐसे में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए दीवार पर लिखी इबारत साफ थी कि गुजरात चुनाव के लिए प्रचार के जितने दिन भी बचे हैं उसमें दिन-रात एक कर कांग्रेस की जीत का रास्ता तैयार किया जाए. आखिर 18 दिसंबर को गुजरात चुनाव के नतीजे आने पर ही तय होगा कि राहुल की ताजपोशी का जश्न लंबा खिंचता है या नहीं.