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राशन धांधलीः दिल्ली सरकार का आरोप घोटाले में अधिकारी शामिल, LG का समर्थन भी हासिल

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने राशन धांधली पर खुलासा करते हुए कहा कि दिल्ली में बहुत सारे लोग सरकारी राशन पर आश्रित हैं, 72 लाख लोग ऐसे हैं जो सरकारी राशन पर आश्रित हैं. दिल्ली में 19 लाख टोटल कार्ड हैं. सरकार की ओर से इन्हें साढ़े 4 लाख टन राशन सालाना दिया जाता है.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो) उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)
सुशांत मेहरा
  • नई दिल्ली,
  • 13 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 11:43 PM IST

राशन घोटाले को लेकर हाल ही में आई सीएजी रिपोर्ट ने दिल्ली सरकार के सभी दावों की पोल खोल कर कर रख दी है. रिपोर्ट पर खूब किरकिरी होने के बाद दिल्ली सरकार में इसको लेकर खलबली मच गई है. अब सरकार ने खुद के बचाव के लिए उपराज्यपाल और अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने राशन धांधली पर खुलासा करते हुए कहा कि दिल्ली में बहुत सारे लोग सरकारी राशन पर आश्रित हैं, 72 लाख लोग ऐसे हैं जो सरकारी राशन पर आश्रित हैं. दिल्ली में 19 लाख टोटल कार्ड हैं. सरकार की ओर से इन्हें साढ़े 4 लाख टन राशन सालाना दिया जाता है.

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उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सरकार बनने से पहले और उसके बाद भी राशन चोरी रोकने के लिए लड़ाई लड़ी है और अब भी दिल्ली की झुग्गियों में ये चोरी रोकने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अधिकारियों को उपराज्यपाल का संरक्षण मिला हुआ है. इसके चलते आज भी राशन में धांधली की जा रही है.

ओटीपी घोटाला

मनीष ने कहा कि राशन की बिक्री के लिए ई पीओएस सिस्टम लगाया गया है. दिसंबर में यह सिस्टम पहले 90 दिनों के लिए लगाया गया. वहां फिंगर प्रिंट में दिक्कत आती थी और उसमें ढेरों खामियां थी.

उन्होंने बताया कि इस साल 1 जनवरी से पूरी दिल्ली में ई पीओएस लागू हुआ, उसमें सुधार के कई सुझाव केबिनेट की ओर से दिए गए थे, ताकि लोगों को इंटरनेट की कमी से परेशानी न हो लेकिन ऑफ लाइन को एलजी ने नहीं माना. केबिनेट के निर्देश के बावजूद उसमें खामी छोड़ी गई. 21 फरवरी के दिन मैंने इस परेशानी की जानकारी भी दी. ई पीओएस खत्म करने की अपील की, लेकिन एलजी ने नहीं माना.

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उपमुख्यमंत्री ने धांधली का खुलासा करते हुए कहा कि 499 राशन कार्ड धारकों का ओटीपी एक मोबाइल नंबर पर है. मंत्री के आदेश के बाद ओटीपी सिस्टम को बंद कर दिया गया. प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि एक ही मोबाइल नंबर पर भेजे गए 499 राशन कार्ड धारकों का राशन दिया गया. इसी तरह 202 घरों के राशन एक मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी के जरिये दिया गया. 172 घरों के राशन में भी यही हुआ. आदर्श नगर इलाके में एक ही नंबर पर कई लोगों को राशन दिया गया. 41000 घरों का राशन चंद मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी पर दिए गए. ऐसे 500 मोबाइल नंबर की सीरीज है. उपराज्यपाल पर अधिकारी को संरक्षण प्राप्त होने का भी आरोप लगाया.

फूड कमिश्नर सस्पेंड हों

मनीष सिसोदिया ने ये भी कहा कि आज भी खुलेआम राशन की चोरी हो रही है. फूड कमिश्नर यह नहीं रोक पा रहे क्योंकि इन्हें उपराज्यपाल का संरक्षण प्राप्त है. सरकार ने डोर स्टेप डिलीवरी का प्रस्ताव पास किया तो उपराज्यपाल ने इसमें अड़ंगा लगा दिया. अब इन गड़बड़ियों से समझ आने लगा है कि ई-पीओएस सिस्टम को वापस क्यों नहीं लिया गया. सीएम के लिखने के बावजूद अधिकारी को क्यों नहीं हटाया गया? क्यों नहीं डोर स्टेप लागू हो रहा है? राशन की दुकाने कांग्रेस-बीजेपी के लोग चला रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि डोर स्टेप राशन पर फिर से विचार किया जाए. राशन की आपूर्ति में ओटीपी घोटाला सामने आने के बाद सुबह मंत्री और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखा है. पत्र में मांग की गई है कि राशन में चोरी का डेटा सामने आया है. इसलिए सबसे पहले फूड कमिश्नर के आर मीणा को सस्पेंड किया जाए. इन गरीब घरों के लिए क्या कोई एक दिन का उपवास करेगा. डोर स्टेप राशन को फिर से विचार किया जाए.

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