Advertisement

रियलटी चेक: नोटबंदी के 50 दिन बाद कैसे चल रहा परिवार

वीना आर्या बताती है कि केमिस्ट का पेटीएम काम नहीं कर रहा था, क्योंकि वो कमर्शियल अकाउंट नहीं था. पुरानी करेंसी उसने ली नहीं, जिसके कारण हमें दवा भी नहीं मिल पा रही थी.

नोटबंदी का असर नोटबंदी का असर
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 29 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:42 AM IST

नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने के बाद आम लोगों के लिए ये सफ़र कितना मुश्किल था, उनकी ज़िन्दगी मे सरकार के इस फ़ैसले के क्या फर्क पड़ा. आजतक ने बुधवार को इसका रियलटी चेक किया. दिल्ली के सरिता विहार में रहने वाले वीना और धर्मेन्द्र आर्या का परिवार 6 लोगों का है, घर में बुजुर्ग माता-पिता है और दो बेटे हैं जो पढ़ाई पूरी करके अपने करियर की शुरूआत कर चुके है. 8 नवंबर को जब प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की घोषणा की, उसके अगले दिन से ही कैश की मुसीबत शुरू हो गयी.
वीना आर्या बताती है कि केमिस्ट का पेटीएम काम नहीं कर रहा था, क्योंकि वो कमर्शियल अकाउंट नहीं था. पुरानी करेंसी उसने ली नहीं, जिसके कारण हमें दवा भी नहीं मिल पा रही थी. बेटे को नोटबंदी के अगले दिन 2 दिन के लिए चंडीगढ़ जाना था और जेब में 500 और 1000 के नोट के अलावा कुछ नहीं था, परिवार को लगा जैसे पैसे होने के बाद भी वो कंगाल हो गए है. लेकिन इन 50 दिनों मे काफी कुछ बदला भी है जो पहले कभी नहीं हुआ था.
दूध वाला भी ले रहा चैक

धर्मेन्द्र आर्या कहते है कि 25 साल मे पहली बार मैंने दूध वाले को चेक देकर पेमेंट की, अच्छा भी लगा और सब्जी वालों से लेकर फलों तक सबसे हम ऑनलाइन शोपिंग कर रहे है. उनके घर शादी का कार्ड देने आई सुरभि की 22 जनवरी को शादी है, उन्होंने कहा कि शादी में हमें हर चीज की कटौती करनी पड़ रही है. कैटरिंग वाले ने कहा है कि सिर्फ कैश लेगा, ज्वैलरी अभी तक नहीं बनवा पाए है, कपड़ो की खरीददारी भी आधी हो गयी है.
बुजुर्गों को हुई परेशानी
परिवार ने बताया कि वीना की 82 साल की मां ने अपने मरने के बाद अपने दान के लिए पैसे जोड़े हुए थे, ताकि दान मे बेटी का नहीं उनका खुद का पैसा लगे. लेकिन नोटबंदी के बाद खुद इस उम्र में वो बैंक की लाइन मे लगने को मजबूर हो गयी, उनके 87 साल के पति बलदेव कहते है कि पहले पैसा हाथ में होता था तो बच्चों की मदद कर देते थे लेकिन अब तो जो हाथ मे था वो भी बैंक में चला गया. अब तो बच्चों से खुद अपनी जरुरतों के लिए मांगना पड़ेगा, अब तो हम खाली हाथ है. लेकिन ये परिवार कई मुसीबतों के बाद भी नोटबंदी के बाद सरकार के फ़ैसले की तारीफ कर रहा है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement