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रामजस कॉलेज में हुई हिंसक झड़प का भुगतान दिल्ली यूनिवर्सिटी के SGTB खालसा कॉलेज को भी उठाना पड़ा. जब विवाद हुआ उसी दौरान हर साल की तरह इस साल भी खालसा कॉलेज में नुक्कड़ नाटक का आयोजन होना था. इस नाटक में 9 ग्रुप हिस्सा लेने वाले थे, मगर इस आयोजन को रोक दिया गया. खालसा कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर और थियेटर के संयोजक सैकत घोष ने आरोप लगाया कि DUSU से लगातार मिलने वाली धमकियों के बाद कार्यक्रम रद्द किया गया.
संघ की देशभक्ति पर था नुक्कड़ नाटक
घोष का कहना है इनमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रवादी प्रेम पर एक नाटक होना था, मगर इसे रोक दिया गया. घोष का कहना है, 'क्या हमें ये अधिकार नहीं है कि हम अपने नाटक के जरिए इसे दिखा सकें. हमारा ये भी कहना था कि पहले आप नाटक देख लें, उसके बाद फैसला करें, मगर कोई सुनने को राजी नहीं था.'
पुलिस ने नहीं की मदद
घोष ने बताया कि DUSU की ओर से लगातार धमकियां मिल रही थीं और पुलिस ने भी परिसर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए आयोजन को टाल देने की अपील की थी. घोष ने पुलिस की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े किए. घोष के मुताबिक अगर पुलिस सुरक्षा देती तो शायद नुक्कड़ नाटक का आयोजन हो जाता.
सिर्फ गुंडागर्दी करती है ABVP
घोष का कहना है कि दो वर्ष पहले भी ऐसी ही घटना हुई थी. जब एक नाटक के दौरान एबीवीपी ने धमकाया और मजबूरन उन्हें नाटक रोकना पड़ा था. घोष का कहना है कि देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली भी एबीवीपी के छात्र रहे हैं, मगर उन्होंने आपातकाल के खिलाफ कॉलेज से लड़ाई लड़ी. अब एबीवीपी बदल गई है, सिर्फ गुंडागर्दी करती है.