
नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट का कहना है कि बच्चों में गलतफहमी पैदा करके उन्हें प्रोटेस्ट में शामिल किया जा रहा है. एनसीपीसीआर ने 10 दिनों के भीतर अपने नोटिस का जवाब मांगा है. संस्था का यह भी कहना है कि बच्चों की ऐसे में मेंटल ट्रॉमा हो सकता है, ऐसे बच्चों की पहचान की जाए, साथ ही प्रशासन उनकी काउंसलिंग कराए.
नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट ने एक शिकायत मिलने के बाद प्रशासन को यह नोटिस जारी किया है. शिकायत में यह भी कहा गया है कि बच्चों के घरवाले उन्हें यह बताकर प्रोटेस्ट में ला रहे हैं कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री उनकी नागरिकता के दस्तावेज मांगेंगे. अगर दस्तावेज नहीं हुए तो उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा. डिटेंशन सेंटर में उन्हें कपड़ा और खाना भी नहीं दिया जाएगा.
बच्चों की कराएं काउंसलिंग
नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट ने नोटिस में कहा है कि डीएम वहां के चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर और पुलिस चाइल्ड वेलफेयर ऑफीसर को जरूरी निर्देश जारी करें और बच्चों की पहचान करके उनके घरवालों को भी काउंसलिंग कराएं. अगर जरूरी हो तो बच्चों को चाइल्ड वेलफेयर समिति के सामने भी पेश किया जाए.
शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन की शुरुआत व्यापक तौर पर 15 जनवरी से हुई. दिल्ली की भीषण ठंड में शांतिपूर्ण तरीके से महिलाएं विरोध प्रदर्शन कर रही है. इस विरोध प्रदर्शन में बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हो रहे हैं.
भीम आर्मी प्रमुख भी हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने के लिए बुधवार को भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद शाहीन बाग पहुंचे. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला. दिल्ली के शाहीन बाग में लोगों को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा, 'हमने अभी तक इतिहास में जलियांवाला बाग सुना था. अब शाहीन बाग सुना है. यह गैर राजनीतिक आंदोलन है. ऐसा आंदोलन बार-बार नहीं होता है.