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श्री श्री के कार्यक्रम से यमुना को हुए नुकसान पर NGT ने DDA को फटकारा

श्री श्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा बीते साल यमुना के तट पर कराए गए वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल से यमुना को हुए नुकसान को लेकर एनजीटी ने डीडीए को कड़ी फटकार लगाई है. एनजीटी ने डीडीए को कहा कि अगर यमुना की बायोडायवर्सिटी को कोई नुकसान हुआ है तो फिर उसका जिम्मेदार डीडीए ही है.

श्री श्री रविशंकर श्री श्री रविशंकर
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2017,
  • अपडेटेड 7:31 PM IST

श्री श्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा बीते साल यमुना के तट पर कराए गए वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल से यमुना को हुए नुकसान को लेकर एनजीटी ने डीडीए को कड़ी फटकार लगाई है. एनजीटी ने डीडीए को कहा कि अगर यमुना की बायोडायवर्सिटी को कोई नुकसान हुआ है तो फिर उसका जिम्मेदार डीडीए ही है. आखिर डीडीए ने पहले 2 एप्लीकेशन रद्द करने के बाद फिर क्यों आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम करने की इजाजत दे दी. क्यों अधिकारियों ने उन तैयारियों पर कोई एक्शन नहीं लिया? नियमों और शर्तों को आर्ट ऑफ लिविंग ने क्यों नहीं माना?

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एनजीटी ने डीडीए से किए सवाल
एनजीटी ने डीडीए से पूछा कि आखिर उनके हिसाब से यमुना का एक्टिव फ्लड प्लेन क्या है? इसे ठीक होने में कितना समय लगेगा. इसके जवाब पर डीडीए ने कहा कि उनके पास विशेषज्ञ नहीं हैं. इस जवाब पर नाराज एनजीटी ने कहा कि जब उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं है कि यमुना को ठीक करने मे कितना समय लगेगा तो फिर वे कैसे कह सकते हैं कि इसमें 10 साल लगेंगे या 50 साल.

परमिशन रद्द करने पर किया जवाबतलब
एनजीटी ने डीडीए से पूछा कि शर्तों के उल्लंघन पर उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग को दी गई परमिशन को रद्द क्यों नहीं किया. डीडीए ने जवाब दिया कि इस मामले की कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. लिहाजा वे फैसले का इंतजार कर रहे थे. कार्यक्रम खत्म होने के बाद डीडीए के एक्सपर्ट्स ने यमुना को होने वाले नुकसान का भी निरीक्षण किया था. इसकी भरपाई मे 10 साल का समय लगेगा.

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डीडीए ने भी रखा अपना पक्ष
डीडीए ने आर्ट ऑफ लिविंग के यमुना तट को नुकसान पहुचाने के मामले में कहा कि जिन शर्तों पर वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल को करने की डीडीए ने इजाजत दी. आर्ट ऑफ लिविंग ने उसका उल्लंघन किया. डीडीए ने एनजीटी को वो 2015 के वो पत्र दिखाए जिनमें आर्ट ऑफ लिविंग ने व्यक्ति विकास केंद्र के नाम दिखाए थे. जिसके हवाले से कार्यक्रम करने की इजाजत मांगी गई थी. डीडीए ने कहा कि जिस तरह से आर्ट ऑफ लिविंग ने यमुना में मिट्टी डालकर यमुना के प्लेन और धारा से खिलवाड़ किया. वहां पर बड़े बड़े स्ट्रक्चर बनाए. डीडीए ने उसकी इजाजत कभी नहीं दी. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के मद्देनजर किसी भी तरह के कंस्ट्रक्शन की इजाजत बिल्कुल नहीं थी.

डीडीए ने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग ने खुद पत्र लिखकर कहा कि न तो संस्था और न ही कार्यक्रम मे शामिल होने वाले लोग किसी भी प्रकार से यमुना को नुकसान पहुंचाएंगे. न ही किसी तरह का प्रदूषण करेंगे. डीडीए ने कहा कि वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल को करने के लिए इजाजत इसी शर्त पर दी गयी थी कि ऐसे कार्यक्रम यमुना से एक निश्चित दूरी बनाकर ही किया जाएगा. इसके बावजूद सारे नियमों को ताक पर रख दिया गया. यमुना को भारी नुकसान पहुंचाया गया.

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