
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को पांडव नगर में पूर्वी दिल्ली की आरडब्ल्यूए से मुलाकात की और एमसीडी को जारी किए गए फंड का हिसाब भी दिया. केजरीवाल ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि एमसीडी द्वारा सफाई कर्मचारियों की सैलरी के पैसे को ठेकेदारों की पेमेंट के लिए दिया जा रहा है.
केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली सरकार ने पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में केस दर्ज किया है. इसमें मांग की गई है कि केंद्र सरकार 5000 करोड़ का फंड निगम को दे. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी शासित एमसीडी को दिल्ली के लोगों और सफाई कर्मचारियों की परेशानियों से कोई मतलब नहीं है.
14वें वित्त आयोग के मुताबिक हर राज्य में 488 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से एमसीडी को पैसा दिया जाना है और इस हिसाब से दिल्ली की एमसीडी को 5000 करोड़ रुपये मिलना चाहिए. अगर यह पैसा केंद्र जारी कर देता है तो फिर सफाई कर्मचारियों की सारी मांगे पूरी हो जाएंगी.
बीजेपी पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "दिल्ली सरकार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है. आंकड़ों से साफ है कि पिछले 6 महीनों में पूर्वी दिल्ली को दो गुना पैसा यानि 770 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं. केजरीवाल के मुताबिक 2014-15 में राष्ट्रपति शासन के दौरान इससे आधा पैसा दिया गया था, सैलरी दी गई थी और कोई हड़ताल नहीं हुई.
केजरीवाल का आरोप है कि दिल्ली सरकार द्वारा निगम को अब दोगुना पैसा दिए जाने के बाद भी सफाई कर्मचारियों को सैलरी नहीं दी जा रही है. उन्होंने पूछा कि केंद्र की ओर से एमसीडी को पैसा क्यों नहीं दिया जा रहा है जबकि दूसरे राज्यों की एमसीडी को केंद्र सरकार हजारों करोड़ रुपये दे रही है.