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जामिया के निलंबित प्रोफेसर की अर्जी खारिज, नहीं बना सकते राष्ट्रपति को पार्टी

दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी जामिया मिलिया इस्लामिया के एक निलंबित चल रहे प्रोफेसर ओबैद सिद्दिकी की याचिका खारिज कर दी है. प्रोफेसर ने राष्ट्रपति को यूनिवर्सिटी का विजिटर होने के नाते पार्टी बनने की अपील की थी.

प्रोफेसर की अर्जी खारिज प्रोफेसर की अर्जी खारिज
सुरभि गुप्ता/अहमद अजीम
  • नई दिल्ली,
  • 16 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 7:39 AM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी जामिया मिलिया इस्लामिया से निलंबित चल रहे प्रोफेसर ओबैद सिद्दिकी की याचिका सोमवार को खारिज कर दी है. याचिकाकर्ता ने राष्ट्रपति को भी इस मामले में पार्टी बनाया था क्योंकि वो विश्वविद्यालय के विजिटर हैं.

ओबैद सिद्दिकी के मुताबिक जामिया में कई अनियमितताएं हुईं हैं, जिनकी शिकायत उन्होंने राष्ट्रपति से की क्योंकि वो यूनिवर्सिटी के विजिटर हैं. याचिका में मांग की गई थी कि उन शिकायतों पर राष्ट्रपति हाई कोर्ट में एक्शन टेकेन रिपोर्ट दें.

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हाई कोर्ट ने कहा की राष्ट्रपति को यह संवैधानिक अधिकार है कि उन्हें किसी मुकदमे में पार्टी नहीं बनाया जा सकता इसलिए याचिका खारिज कर दी गई. प्रोफेसर के काफी गुजारिश करने पर हाई कोर्ट ने उन्हें याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी.

याचिकाकर्ता ओबैद सिद्दिकी को हाल ही में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने निलंबित किया है.

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