Advertisement

एमसीडी में परिसीमन से संतुष्ट नहीं ये कांग्रेसी पार्षद

चुनाव से पहले परिसीमन ने एमसीडी के बड़े नामों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. नॉर्थ एमसीडी में नेता विपक्ष मुकेश गोयल भी उन लोगों में शामिल हैं, जिनका वार्ड परिसीमन के चलते प्रभावित हुआ है. ज़रा जानते हैं परिसीमन के बाद क्या है धीरपुर वार्ड का समीकरण.

खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर और डायरी पर पीएम मोदी की तस्वीर से विवाद खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर और डायरी पर पीएम मोदी की तस्वीर से विवाद
रवीश पाल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 11:48 PM IST

चुनाव से पहले परिसीमन ने एमसीडी के बड़े नामों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. नॉर्थ एमसीडी में नेता विपक्ष मुकेश गोयल भी उन लोगों में शामिल हैं, जिनका वार्ड परिसीमन के चलते प्रभावित हुआ है. ज़रा जानते हैं परिसीमन के बाद क्या है धीरपुर वार्ड का समीकरण.

रविवार को अपने वार्ड में घूमते हुए हमने नॉर्थ एमसीडी में नेता विपक्ष और कांग्रेस के पार्षद मुकेश गोयल से मुलाकात की. गोयल पिछले 10 सालों से धीरपुर से पार्षद हैं, लेकिन इस बार परिसीमन के चलते उनकी विधानसभा से एक वार्ड जहांगीरपुरी-1 खत्म कर दिया गया है. वहीं धीरपुर वार्ड में मजलिस पार्क को जोड़ देने से धीरपुर वार्ड बड़ा हो गया है.

Advertisement

परिसीमन में फंसे दिग्गज
गोयल के मुताबिक उन्होंने चुनाव आयोग को सुझाव दिया था कि धीरपुर में मजलिस पार्क को शामिल नहीं किया जाए, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. वहीं सराय पीपल थला वार्ड में पीपल थला गांव को ही शामिल नहीं किया गया. अब गोयल बोल रहे हैं कि चुनाव आयोग ने जो सुझाव उनसे मांगे थे, उस पर विचार नहीं किया और परिसामन कर दिया. गोयल ने साफ कहा कि वो परिसीमन से संतुष्ट नहीं है.

आपको बता दें कि आदर्श नगर विधानसभा में चार वार्ड आते थे, जिसमें धीरपुर, आदर्श नगर, सराय पीपल थला और जहांगीरपुरी-1 शामिल थे. परिसीमन के बाद जहांगीरपुरी-1 वार्ड खत्म कर दिया गया और आदर्श नगर वार्ड के कुछ बूथों को गोयल के वार्ड धीरपुर में जोड़ दिया गया.

गोयल के मुताबिक, उनके वार्ड में लगभग 14 नए बूथ जोड़ दिए गए हैं, जिससे अब उनके सामने चुनौती होगी नए वोटरों के बीच पैठ बनाने की. हालांकि मजलिस पार्क में 2007 से पहले गोयल पार्षद रह चुके हैं, लेकिन लगभग 10 सालों से वो वहां नहीं हैं, ऐसे में मजलिस पार्क के रहने वालों की मानें तो गोयल के सामने नए वोटरों को अपने पक्ष में करने की चुनौती तो रहेगी ही. लोगों के मुताबिक, टिकट मिलने पर वह इस बात का पूरा ध्यान रखेंगे कि कौन सा उम्मीदवार उनके वार्ड से ही है और जो उनकी समस्याओं को खत्म करने के लिए गंभीर होगा.

Advertisement

कुल मिलाकर साफ है कि परिसीमन के फेर में बड़े-बड़े नेता घनचक्कर बने हुए हैं, लेकिन अभी तो ये तय होना भी बाकि है कि कौन सा वार्ड आरक्षित होगा या कौन सा सामान्य रहेगा, ऐसे में नेताओं की नींदे तो फिलहाल उड़ी ही हुई है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement