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डीएनडी टोल प्लाजा से रजनीगंधा क्रॉसिंग पर भारी जाम

नोएडा में ट्रैफिक जाम एक मुसीबत बन गया है. नोएडा के बड़े रोड्स पर जाम देखा गया है. ये जाम डीएनडी टोल प्लाजा से रजनीगंधा क्रॉसिंग  तक लगा हुआ है. यहां तक की नोएडा और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे पर भी जाम देखा गया. साथ ही महामाया से ग्रेटर नोएडा की तरफ लगभग 3 किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है. 

नोएडा में भारी ट्रैफिक जाम नोएडा में भारी ट्रैफिक जाम
केशवानंद धर दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST

नोएडा में ट्रैफिक जाम एक मुसीबत बन गया है. नोएडा के बड़े रोड्स पर जाम देखा गया है. ये जाम डीएनडी टोल प्लाजा से रजनीगंधा क्रॉसिंग  तक लगा हुआ है. यहां तक की नोएडा और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे पर भी जाम देखा गया. साथ ही महामाया से ग्रेटर नोएडा की तरफ लगभग 3 किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है. 

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बता दें कि ट्रैफिक जाम की वजह से दिल्ली और उसके आस-पास की आबो-हवा भी काफी खतरनाक हो गई. राजधानी की सड़कों पर लगने वाला जाम सालाना 7 फीसदी बढ़ता ही जा रहा है.

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट ने हाल ही में गूगल मैप के जरिए लिए गए डाटा के आधार पर आंकड़े निकालें हैं. इस स्टडी में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं.

1. राजधानी की 13 सड़कें जो मुख्य सड़कों से इलाकों को जोड़ती है उनकी औसतन ट्रैफिक स्पीड निर्धारित स्पीड से 50-60 फीसद कम बनी हुई है.

2. प्रमुख सड़कों पर कोई पीक आवर्स अब नहीं है, क्योंकि पीक और नॉन पीक ऑवर्स में ट्रैवल के लिए लगने वाले समय में कोई अंतर नहीं देखा गया.

3. वीकेंड में ट्रैफिक की स्पीड और जाम के हालात वीक डेज से भी खराब हैं.

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4. ट्रैफिक जाम की वजह से वायु प्रदूषण बढ़ा है, नाइट्रोजन डाईऑक्साइड का स्तर 38 फीसदी तक बढ़ गया है.

5. इसके उलट, लुटियन्स दिल्ली की सड़कें पीक और नॉन पीक ऑवर्स में मुख्य सड़कों को इलाकों से जोड़ने वाली सड़कें नहीं होने के बावजूद समय की बचत करने वाली हैं और यहां ट्रैफिक की स्पीड बेहतर है.

पूरी स्टडी में एक और बात सामने आई हैं वो ये कि जो सड़कें दिल्ली को एनसीआर के दूसरे शहरों से जोड़ती हैं, उनमें ट्रैफिक जाम दूसरी सड़कों की अपेक्षा हर वक्त ज्यादा होता है. CSE ने पिछले साल की गई अपनी एक और स्टडी का जिक्र करते हुए ये भी कहा कि राजधानी में एनसीआर से आने वाली कारों की तादाद दिल्ली में साल 2014-15 में रजिस्टर्ड कारों की संख्या से भी ज्यादा थी.

 

 

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