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बिना आधार कार्ड अब AIIMS में इलाज कराना होगा 10 गुना महंगा

अगर मरीज का यूआईडी नंबर यानी की आधार कार्ड के जरिए रजिस्ट्रेशन होगा, तो मरीज की पूरी हिस्ट्री/हेल्थ रिकॉर्ड ई-हॉस्पिटल के पोर्टल पर उपलब्ध होगा, जिससे डॉक्टरों को इलाज करने में आसानी होगी.

एम्स एम्स
अंजलि कर्मकार/रोशनी ठोकने
  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:47 PM IST

नोटबंदी के दौर में अब एम्स में इलाज के लिए 10 गुना कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन अगर आपने आधार कार्ड के जरिए रजिस्ट्रेशन कराया है, तो फिर आपको एम्स में लगने वाला 10 रुपये का रजिस्ट्रेशन फीस भी नहीं देना पड़ेगा. एम्स नए साल से यानी जनवरी से आधार कार्ड के जरिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले मरीजों को फ्री रजिस्ट्रेशन की सहूलियत दे रहा है, ताकि मरीजों को ई-हॉस्पिटल सिस्टम में लाया जा सके.

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ऐसा नहीं है कि बिना आधार कार्ड आपका एम्स में इलाज नहीं होगा, लेकिन आधार कार्ड नहीं होने पर आपको 10 रुपये के बजाय पूरे 100 रुपये चुकाने होंगे. हालांकि, बीपीएल कैटेगरी में आने लोग आधार कार्ड नहीं होने की सूरत में भी बीपीएल कैटेगरी को मिलने वाली छूट का लाभ ले सकेंगे, लेकिन इसके लिए मरीजों को हॉस्पिटल के जरूरी मानदंडों को पूरा करना होगा.

एम्स के कंप्यूटर विभाग के चेयरमैन डॉ. दीपक अग्रवाल के मुताबिक, अक्सर मरीज एक ही अस्पताल में भी कई अलग-अलग रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं. इससे मरीजों की केस हिस्ट्री समझने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई मरीज एम्स आने से पहले भी दूसरे अस्पतालों में इलाज के लिए अलग-अलग ट्रीटमेंट ले चुके हैं, जिसे इमरजेंसी स्थिति में समझ पाना नामुमकिन होता है. ऐसे में अगर मरीज का यूआईडी नंबर यानी की आधार कार्ड के जरिए रजिस्ट्रेशन होगा, तो मरीज की पूरी हिस्ट्री/हेल्थ रिकॉर्ड ई-हॉस्पिटल के पोर्टल पर उपलब्ध होगा, जिससे डॉक्टरों को इलाज करने में आसानी होगी.

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बता दें, एम्स पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर सभी सरकारी अस्पतालों में आधार कार्ड के जरिए रजिस्ट्रेशन करने के लिए नोटिफिकेशन जारी करने की मांग कर चुका है.

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