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जेएनयू में इस बार ट्टिवर वार: छात्रसंघ अध्यक्ष को रजिस्ट्रेशन नहीं मिलने पर बढ़ा विवाद

जेएनयू प्रशासन के मुताबिक, "मानसून सेमेस्टर की शुरुआत के पहले ही एक नोटिस जारी कर सभी छात्रों से अपील की गई थी, कि वो छात्र जिन पर जेएनयू प्रशासन ने जुर्माना लगाया है वो नए सेमेस्टर से पहले ही जुर्माना भर दें. ऐसा नहीं करने वाले छात्रों को मानसून सेमेस्टर में दाखिला नहीं दिया जाएगा."

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
रोशनी ठोकने
  • नई दिल्ली,
  • 28 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 7:29 PM IST

विवादों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में एक नए विवाद की आहट सुनाई दे रही है. दरअसल जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित पांडे को मानसून सेमेस्टर में पंजीकरण नहीं मिला है. मोहित पांडे के साथ ही यूनाइटेड ओबीसी फोरम के छात्र दिलीप का भी पंजीकरण जेएनयू ने रोक दिया है.

जेएनयू प्रशासन के मुताबिक, "मानसून सेमेस्टर की शुरुआत के पहले ही एक नोटिस जारी कर सभी छात्रों से अपील की गई थी, कि वो छात्र जिन पर जेएनयू प्रशासन ने जुर्माना लगाया है वो नए सेमेस्टर से पहले ही जुर्माना भर दें. ऐसा नहीं करने वाले छात्रों को मानसून सेमेस्टर में दाखिला नहीं दिया जाएगा."

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इसके बावजूद जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष ने जुर्माना नहीं भरा, लिहाजा प्रशासन को नियमों का पालन करते हुए मानसून सेमेस्टर के लिए मोहित का पंजीकरण रोकना पड़ा. प्रशासन के मुताबिक बार-बार सूचना देने के बाद भी छात्रों ने जुर्माना नहीं भरा.

छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित पांडे के मुताबिक, जेएनयू प्रशासन छात्रसंघ की आवाज दबाना चाहता है. मोहित पर जेएनयू प्रशासन ने करीब 20 हजार रूपये का जुर्माना ठोंका है. साथ ही अलग-अलग मामलों में करीब 6 इन्क्वायरी चल रही है, 2 एफआईआर भी दर्ज है. मोहित ने जेएनयू प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये पूरी कवायद उन्हें कैंपस से बाहर निकालने की है. किसी छात्र को पंजीकरण से रोकने का मतलब उसकी शैक्षणिक हत्या करना है. मोहित ने ये साफ कर दिया है कि बेशक ये सेमेस्टर उनका आखिरी सेमेस्टर है, लेकिन इसके बावजूद वो जुर्माना नहीं भरेंगे और जेएनयू प्रशासन के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखेंगे.

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आपको बता दें कि जेएनयू प्रशासन ने एडमिन ब्लॉक पर अवैध कब्जे, वीसी और सीनियर अधिकारियों को बंधक बनाने, एकेडेमिक काउंसिल की बैठक में वीडियोग्राफी करने और एमफिल-पीएचडी के मसले पर प्रतिबंधित एडमिन ब्लॉक पर विरोध प्रदर्शन करने जैसे अलग-अलग मामलों पर जेएनयू छात्रसंघ सहित करीब 30 छात्रों पर जुर्माना ठोंका था. कुछ छात्रों को शोकॉज दिए गए थे, तो वहीं कुछ पर इंक्वायरी जारी है.

मानसून सेमेस्टर में पंजीकरण की प्रक्रिया बुधवार को खत्म होने के बाद जेएनयू प्रशासन और छात्रसंघ के बीच विवाद बढ़ गया है. गुरुवार को जेएनयू के रेक्टर 1 चिंतामणि महापात्र ने एक ट्वीट के जरिए जेएनयू छात्रसंघ को शुक्रवार को छात्रों के मुद्दे पर बातचीत के लिए बुलाया था, जिसे वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार ने रिट्वीट किया. शुक्रवार को जेएनयू छात्रसंघ ने एडमिन के बाहर से तस्वीरें साझा करते हुए ट्वीट किया कि प्रशासन ने बैठक में बुलाकर भी गेट से अंदर आने नहीं दिया.

जेएनयू छात्रों का आरोप है कि वो अपने अध्यक्ष मोहित पांडे के पंजीकरण के मसले पर जेएनयू प्रशासन से मिलना चाहते हैं, लेकिन प्रशासन बैठक बुलाकर भी मिलने को राजी नहीं है. इस बात पर जेएनयू प्रशासन का अपना तर्क है. मोहित पांडे के ट्वीट के बाद ही रेक्टर 2 प्रोफेसर सतीश ने भी एक ट्वीट किया.

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जिसके मुताबिक ये बैठक नए सेमेस्टर में छात्रों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत के लिए बुलाई गई थी, जिसमें छात्रसंघ के सिर्फ तीन पदाधिकारियों को ही बुलाया गया था, क्योंकि मोहित पांडे फिलहाल जेएनयू के पंजीकृत छात्र नहीं है. लेकिन बाकी के पदाधिकारी भी गेट पर अड़ गए कि मोहित के बिना वो बैठक का हिस्सा नहीं बनेंगे.

जेएनयू प्रशासन ने करीब 40 मिनट तक इस बैठक के लिए छात्रों का इंतजार किया लेकिन वो नहीं आए. साफ है कि जेएनयू प्रशासन और छात्रसंघ के बीच मोहित पांडे के पंजीकरण को लेकर एक नया विवाद तूल पकड़ रहा है. मोहित के समर्थन में जेएनयू छात्रसंघ ने सोमवार को यूनिवर्सिटी स्ट्राइक और विरोध प्रदर्शन का फैसला किया है.

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