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अधिकारों की जंग रहेगी जारी, अपने हक के लिए सड़क से संसद तक लड़ेंगे: AAP

अधिकारों की लड़ाई को लेकर आज दिल्ली हाइकोर्ट से केजरीवाल सरकार को झटका लगा है, कोर्ट ने साफ कहा है कि आयोग बनाना दिल्ली सरकार के दायरे में नहीं आता है.

अरविंद केजरीवाल, नजीब जंग अरविंद केजरीवाल, नजीब जंग
मणिदीप शर्मा/पंकज जैन/सबा नाज़
  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 5:01 PM IST

अधिकारों की लड़ाई को लेकर आज दिल्ली हाईकोर्ट से केजरीवाल सरकार को झटका लगा है, कोर्ट ने साफ कहा है कि आयोग बनाना दिल्ली सरकार के दायरे में नहीं आता है. इस पर आम आदमी पार्टी ने कहा है कि अब बड़ा सवाल लोकतंत्र पर खड़ा होता है, वो ये है कि दिल्ली की जनता ने उपराज्यपाल को चुना है या केजरीवाल को? आप प्रवक्ता राघव चड्डा ने सवाल उठाया कि महिला सुरक्षा और व्यापारी के हक में दिल्ली सरकार फैसले लेने का अधिकार नहीं है.

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वहीं दिल्ली आप नेता दिलीप पाण्डेय ने कहा कि जब फैसले उपराज्यपाल लेंगे तो दिल्ली में चुनाव क्यों होते हैं, दिल्ली में विधानसभा क्यों है, दिल्ली में विधायक क्यों हैं, दिल्ली की विधानसभा दिल्ली की जनता का इच्छा है हम चाहते हैं कि जनता की इच्छा का पालन हो.

जनता के हित के लिए लड़ेंगे लड़ाई
आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता के हित के लिए कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी. अस्पताल कहां बनेंगे, मोहल्ला क्लीनिक कहां बनेंगी, फ्लाईओवर कहां बनेंगे, बिजली के दाम कम कैसे होंगे, पानी कैसे सबको मिलेगा, ये सब निर्णय उपराज्यपाल नहीं बल्कि चुनी हुई सरकार को लेने चाहिए.

सड़क से संसद तक जारी रहेगी जंग
पार्टी ने साफ किया कि केंद्र-राज्य अधिकारक्षेत्र के विवादों के निपटारे के लिए सर्वोच्च न्यायालय है और हम उसी में जाएंगे. पार्टी ने कहा कि हम सड़क पर भी लड़ेंगे और संसद में भी लड़ेंगे. हालांकि सवाल ये उठता है कि आखिर किस आधार पर केजरीवाल सरकार हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मीडिया सलाहकार नागेंद्र शर्मा का कहना है कि 'गृहमंत्रालय के जुलाई 2014 और मई 2015 का नोटिफिकेशन अब भी सरकार के हक में है, जिसे सरकार चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेगी.'

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दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर आम आदमी पार्टी के नेता भी तेजी से प्रतिक्रिया देते नजर आए. कुमार विश्वास ने ट्वीट करके हाईकोर्ट के इस फैसले से दिल्ली सरकार के अधिकारविहीन बनने को लोकतंत्र के मूल पर हमला बता दिया.

हालांकि आम आदमी पार्टी के नेता आशीष खेतान हाईकोर्ट के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेना नहीं भूलें. उन्होंने कहा कि 'क्या लोकसभा में 282 सीट जीतने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इस बात से सहमत होते कि केंद्र सरकार प्रणव मुखर्जी चला रहे हैं.'

आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने की बात करते हुए कहा कि 'लोकतान्त्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार को कमजोर नहीं किया जा सकता है. ये लोकतंत्र की लड़ाई है.'

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