
अक्सर आपने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कहते सुना होगा कि उन्हें दिल्ली के विकास के कामों को केंद्र सरकार नहीं करने देती. लेकिन सोमवार को एनजीटी में ठीक इसका उल्टा हुआ. यमुना की सफाई मामले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ केशव चंद्रा ने कहा कि एनजीटी के आदेश का पालन दिल्ली के मुख्यमंत्री और जल बोर्ड के चेयरमैन अरविंद केजरीवाल ही नहीं करने दे रहे हैं.
दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ केशव चंद्रा ने एनजीटी को बताया कि जनवरी 2015 के एनजीटी के 14 एसटीपीसी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) को दिल्ली में लगाने के आदेश को लेकर अरविंद केजरीवाल उन्हें लगातार रोक रहे हैं. उन्होंने कहा, केजरीवाल कह रहे हैं कि कोर्ट के आदेश को नहीं उन्हें सीएम केजरीवाल के आदेशों को मानना पड़ेगा.
नाराज एनजीटी ने चेतावनी देते हुए कहा कि क्यों न दिल्ली सरकार और जल बोर्ड के खाते जब्त कर दिए जाएं? यमुना की सफाई के मामले में एनजीटी ने दिल्ली सरकार और दिल्ली जल बोर्ड को कंटेम्प्ट का कारण बताओ नोटिस भी थमा दिया है. एनजीटी ने दिल्ली सरकार और दिल्ली जल बोर्ड से 10 दिन के अंदर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. एनजीटी ने पूछा है कि यमुना की सफाई के प्रोजेक्ट में इतनी देर क्यों हो रही है और पिछले आदेशों का पालन क्यों नहीं हो रहा है.
13 जनवरी 2015 में एनजीटी ने आदेश दिया था कि दिल्ली में 14 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाए जिससे यमुना में दिल्ली का गंदा पानी और कूड़ा न गिरे. लेकिन, अभी तक एनजीटी के आदेश का पालन नहीं किया गया. यानी यमुना की सफाई के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगाया गया. नाराज एनजीटी ने पिछली सुनवाई यानी 17 अक्टूबर को दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी और दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ को समन जारी कर खुद पेश होने का आदेश दिया था. जिसके बाद सोमवार को एनजीटी में चीफ सेक्रेटरी और दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ पेश हुए. जल बोर्ड के सीईओ केशव चंद्रा ने एनजीटी से कहा कि मुझे जल बोर्ड के एग्जीक्यूटिव बोर्ड आपके आदेश का पालन नहीं करने दे रहे हैं.
इसी वजह से अभी तक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर काम शुरू नहीं हुआ है. दिल्ली जल बोर्ड के चेयरमैन खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं. एनजीटी जल बोर्ड के सीईओ के बयान पर भड़क गया और कहा जिस काम को 2019 में पूरा करना है. उसे अभी तक शुरू भी नहीं किया गया. कोर्ट ने पूछा क्यों न दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली सरकार के बैंक खातों को जब्त कर लिया जाए. एनजीटी ने दिल्ली सरकार और जल बोर्ड को कंटेम्प्ट का कारण बताओ नोटिस थमा दिया और 10 के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा है. अगर 14 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट सही समय पर चालू हो जाते हैं तो यमुना का 67 फीसदी प्रदूषण कम हो जाएगा. कुल 2 फेज में यमुना की सफाई होनी थी. पहले फेज में 14 सीवेज ट्रीटमेंट प्लान लगाना था और 2019 तक पूरा करना था. अब देखना होगा कि 10 दिन बाद दिल्ली सरकार और जल बोर्ड कारण बताओ नोटिस के जवाब में क्या कहते हैं.