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कारोबारी को अगवा कर 12 करोड़ के बिटकॉइन झटके, इंस्पेक्टर समेत 10 पुलिसकर्मियों पर केस

सूरत के बिल्डर और कारोबारी शैलेष भट्ट को अगवा कर 12 करोड़ रुपए के 200 बिटकॉइन झटकने के आरोप में 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इनमें अमरेली इंस्पेक्टर (लोकल क्राइम ब्रांच) अनंत पटेल का नाम भी शामिल है. अनंत पटेल फरार है जबकि तीन आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
अजीत तिवारी/गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 09 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 6:03 PM IST

किसी कारोबारी का पहले अपहरण किया जाता है और फिर उससे फिरौती के तौर पर 17 करोड़ रुपए उगाहे जाते हैं. ये रकम भी ऐसे-वैसे नहीं, 12 करोड़ रुपए के बिटकॉइन (डिजिटल करेंसी) ट्रांसफर और 5 करोड़ रुपए नकद के तौर पर. ये कारनामा किसी शातिर गैंग ने बल्कि गुजरात पुलिस ने कर दिखाया है. इस मामले में स्टेट सीबीआई अधिकारी भी आरोपों के घेरे में हैं.

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सूरत के बिल्डर और कारोबारी शैलेष भट्ट को अगवा कर 12 करोड़ रुपए के 200 बिटकॉइन झटकने के आरोप में 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इनमें अमरेली इंस्पेक्टर (लोकल क्राइम ब्रांच) अनंत पटेल का नाम भी शामिल है. अनंत पटेल फरार है जबकि तीन आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. ये जानकारी अहमदाबाद के डीजीपी (सीआईडी क्राइम) आशीष भाटिया ने दी.  

अमरेली के एसएसपी जगदीश पटेल के खिलाफ जांच चल रही है. जहां तक 5 करोड़ रुपए की नकद फिरौती का आरोप है तो उस पर भी अभी जांच जारी होने की बात कही गई है.     

शैलेष भट्ट की राज्य सीआईडी विभाग में दर्ज शिकायत के मुताबिक अमरेली के एसएसपी जगदीश पटेल और स्टेट सीबीआई अधिकारी सुनील नायर का भी इस पूरे प्रकरण में हाथ रहा है. शैलेष भट्ट ने इस साजिश के चार मुख्य आरोपियों में इंस्पेक्टर अनंत पटेल, एसपी जगदीश पटेल, अपने पूर्व बिटकॉइन पार्टनर किरीट पालडिया और पूर्व विधायक नलिन कोटडिया के नाम लिए हैं.  

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शैलेष भट्ट की शिकायत के मुताबिक अमरेली पुलिस और स्टेट सीबीआई अधिकारी ने उसे एनकाउंटर करने की धमकी देकर 17 करोड़ रुपए वसूल लिए. भट्ट का आरोप है कि इनमें से 5 करोड़ रूपए स्टेट सीबीआई अधिकारी सुनील नायर ने लिए हैं. वहीं 200 बिटकॉइन के 12 करोड़ रुपए इंस्पेक्टर अनंत पटेल और एसपी जगदीश पटेल की जेब में गए. शैलेष भट्ट के आरोप के मुताबिक उसके पूर्व पार्टनर किरीट पालडिया की पुलिस के साथ मिलीभगत रही. पूर्व विधायक नलिन कोटडिया पर शैलेष का आरोप है कि जब मदद मांगी तो कोटडिया ने उलटे पुलिस को फिरौती की रकम देने के लिए दबाव बनाया.  

कैसे हुआ घटनाक्रम?

शैलेष भट्ट का कहना है कि 2016 में जब नोटबंदी हुई तो उसके सामने ये सवाल था कि अपने पास मौजूद पैसे को कहां इन्वेस्ट करे. ऐसे में भट्ट अपने एक जानने वाले के जरिए सूरत के व्यापारी किरीट पालडीया के संपर्क में आया. पालडीया ने भट्ट को बिटकॉइन में पैसा लगाने की सलाह दी. थोड़े थोड़े कर भट्ट के पास 200 बिटकॉइन इकट्ठा हो गए.  

सीआईडी क्राईम विभाग को दी शिकायत में भट्ट ने आरोप लगाया कि एक दिन सीबीआई अधिकारी सुनील नायर ने अचानक फोन कर धमकाया और गांधीनगर सीबीआई दफ्तर में बुलाया. भट्ट के मुताबिक वहां टॉर्चर रूम में बेतहाशा पिटाई की गई और  फिर सुनील नायर ने उसे सीबीआई से छोड़ने के लिए 10 करोड रूपए की  मांग की. हालांकि बड़ी मिन्नत करने पर 5 करोड़ रुपए पर समझौता हुआ. भट्ट का कहना है कि सुनील नायर को आंगड़िया के जरिए 5 करोड़ रुपया दिया गया. इसके बाद भट्ट को छोड़ दिया गया. भट्ट का कहना है कि कोई दूसरा अधिकारी परेशान ना करे इसलिए वो सुनील नायर के पास एनओसी लेने गया तो नायर ने उसे एनओसी नहीं दी. लेकिन उसके बाद एक घटना और घटी.   

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भट्ट के आरोप के मुताबिक गांधीनगर के पास एक पेट्रोल पंप से अमरेली पुलिस ने उन्हें उठा लिया. भट्ट को अपने अपहरण की आशंका उस वक्त ही जब उन्हें पुलिस थाने ना ले जाकर गांधीनगर के एक फॉर्महाउस में ले जाया गया. भट्ट के मुताबिक वहां उसे टॉर्चर करने के साथ धमकी दी गई कि अगर 200 बिटकॉइन ट्रांसफर नहीं किए तो एनकाउंटर में मार दिया जाएगा. भट्ट का कहना है कि फिर उससे किरीट पालडीया के खाते में 200 बिटकॉइन ट्रांसफर कराए गए जिसकी कीमत तब 12 करोड़ रुपए थी.  

शैलेष भट्ट के मुताबिक उसके पास सारे सबूत मौजूद है. सीआईडी क्राइम विभाग ने आईपीसी की धारा 364-ए (फिरौती के लिए अपहरण), 342 (बंधक बनाना), 365 (फिरौती), 166 (जनसेवक की तरफ से कानून का उल्लंघन) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज किया गया है.

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