Advertisement

गुलबर्ग सोसाइटी केस में फिर टला फैसला, अब 17 जून को होगा सजा का ऐलान

इस मामले में पहले 6 जून को सजा का ऐलान होना था लेकिन कोर्ट ने जिरह पूरी न हो पाने की वजह से बाद में फैसला सुनाने के लिए 9 जून की तारीख तय की थी. हालांकि उस दिन भी सजा का ऐलान नहीं किया जा सका.

ब्रजेश मिश्र/गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 13 जून 2016,
  • अपडेटेड 3:37 PM IST

गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसाइटी हत्याकांड के 24 दोषियों की सजा पर फैसला सोमवार को भी टल गया. अहमदाबाद की विशेष अदालत अब 17 जून को सजा का ऐलान करेगी. कोर्ट ने इस मामले में 36 लोगों को बरी किया था.

पिछली दो सुनवाइयों में सजा सुनाने से पहले कोर्ट ने दोनों पक्षों के वकीलों की अंतिम दलीलें सुनी थीं, जिसमें सरकारी वकील और पीड़ितों के वकील ने दोषियों को ज्यादा से ज्यादा सजा सुनाने की अपील की थी, जबकि दोषियों के वकील ने कम से कम सजा देने की मांग की.

Advertisement

एक और दोषी ने किया सरेंडर
गुलबर्ग सोसाइटी मामले के एक आरोपी कैलाश धोबी ने सोमवार को सरेंडर कर दिया. वह इस साल जनवरी से फरार चल रहा था. कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया है.

2009 में शुरू हुई थी सुनवाई
बता दें कि पहले 6 जून को सजा का ऐलान होना था लेकिन कोर्ट ने जिरह पूरी न हो पाने की वजह से बाद में फैसला सुनाने के लिए 9 जून की तारीख तय की थी. हालांकि उस दिन भी सजा का ऐलान नहीं किया जा सका.

मामले की सुनवाई साल 2009 में शुरू हुई थी, उस समय 66 आरोपी थे. इनमें से चार की पहले ही मौत हो चुकी है. कोर्ट ने जिन 36 आरोपियों को बरी किया उनमें बीजेपी का पार्षद भी शामिल है.

दंगे में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने कहा कि वह इस दिन का लंबे समय से इंतजार कर रही थीं. उन्होंने खुशी जताई और कहा कि सभी अपराधियों को सजा मिलनी चाहिए. एहसान जाफरी के बेटे तनवीर जाफरी ने भी कहा कि उन्हें कोर्ट से बहुत उम्मीदें हैं.

Advertisement

क्या है गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार?
गोधरा कांड के अगले दिन यानी 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में दंगा हुआ था. इस दंगे में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की भी मौत हुई थी. हमले में जाफरी सहित 69 लोगों की जान गई थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement