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डॉक्टर की दरिंदगी का तीन महीने बाद सामने आया वीडियो

वीडियो में पता चल रहा है कि देर रात 3 बजकर 42 मिनट चार डॉक्टर मरीज को व्हील चेयर बैठा कर हॉल से बाहर की ओर ले जा रहे है. जिसके बाद अगली तस्वीर अस्पताल के बाहर पार्किंग में लगे सीसीटीवी कैमरे की है

सीसीटीवी फुटेज आया सामने सीसीटीवी फुटेज आया सामने
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 04 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST

गुजरात के सूरत में एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के जल्लाद बनने का वीडियो तीन महीने बाद सामने आया है. ट्रेन की चपेट में आने से घायल हुआ एक शख्स जब इलाज करवाने के लिए सूरत के स्मीमेर सरकारी अस्पताल पहुंचा तो उसे इलाज के लिए भर्ती तो कर लिया गया मगर फुटेज में दिखा कि रात में अस्पताल से तीन या चार डॉक्टर मरीज को कार की डिग्गी में बैठा कर शहर से कहीं दूर ले जाते है. सूरत के इस स्मीमेर अस्पताल का संचालन सूरत महानगर पालिका करती है, जहां पर 5 अक्टूबर 2016 को कालू नाम के व्यक्ति को ट्रेन की चपेट में आने के बाद इलाज के लिए अस्पताल में लाया गया था, इलाज होने के बाद स्थानीय डॉक्टरों ने ठिकाने लगाने की कोशिश की, तीन माह बाद आरटीआई के जरिये जारी किए गए इस वीडियो में इस बात का खुलासा हुआ.

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वीडियो में पता चल रहा है कि देर रात 3 बजकर 42 मिनट चार डॉक्टर मरीज को व्हील चेयर बैठा कर हॉल से बाहर की ओर ले जा रहे है. जिसके बाद अगली तस्वीर अस्पताल के बाहर पार्किंग में लगे सीसीटीवी कैमरे की है जिसमें 3 बजकर 44 मिनट पर में डॉक्टर अपनी कार की डिग्गी में डालकर मरीज को अस्पताल से कई किलोमीटर दूर हाइवे पर ले जाया गया था. महानगर पालिका संचालित अस्पताल के डॉक्टरों की इस करतूत सामने आने के बाद महानगर पालिका में विपक्ष की भूमिका निभाने वाले कांग्रेस के पार्षद डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग कर रहे है.

कांग्रेसी पार्षद असलम साइकिलवाला के अनुसार मरीज के गायब होने की शिकायत उन्होंने अस्पताल के सुप्रीटेंडेट से की थी पर शिकायत पर कोई एक्शन नहीं लिया गया, जिसके बाद पार्षद ने इसका भंडाफोड़ करने के लिए आरटीआई का सहारा लिया. जिसके बाद अस्पताल को सीसीटीवी फुटेज को देना पड़ा, अस्पताल के सुप्रीटेंडेंट वंदना देसाई ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच करवाने की बात कही है.

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