
गुजरात सरकार की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही. बड़ी मुश्किल से अभी पार्टी अपने कद्दावर नेता नितिन पटेल को मनाने में कामयाब हुई ही थी, कि अब एक और मंत्री नाराज हो गए हैं. अब मत्स्य उद्योग मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी विभाग को लेकर नाराज हैं. विकास के लिए मशहूर राज्य में मंत्रियों के बीच 'अच्छे' विभागों को लेकर होने वाली खींचतान चकित करने वाली है.
अपनी नाराजगी को लेकर पुरुषोत्तम सोलंकी मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से मिलने पहुंचे और उन्होंने कहा कि उनकी जाति एक बड़ी वोट बैंक रखती है, तो उन्हें अच्छा मंत्रालय मिलना ही चाहिए.
पुरुषोत्तम सोलंकी भी पांच बार से विधायक हैं और कोली समाज के नेता हैं. उन्होंने सवाल उठाया है कि जब पाटीदार नेता नितिन पटेल से पूछकर डिपार्टमेन्ट मिलता है तो उन्हें क्यों नहीं? अब देखना यह है कि पार्टी हाईकमान इस नई मुश्किल से कैसे निपटता है.
दिलचस्प यह भी है कि इस बार गुजरात में जातीय पहचान से जुड़े क्षत्रप उसी तरह से उभर रहे हैं, जैसा कि यूपी-बिहार में हम देखते आए हैं. ये क्षत्रप अपने हिसाब से 'अच्छे' विभाग के लिए हाईकमान को चेतावनी देने और उन्हें झुकाते दिख रहे हैं.
पुरुषोत्तम के नाराज होने की खबरें आने के बाद आननफानन में सरकार के संकटमोचक माने जाने वाले मंत्री भुपेन्द्रसिंह चुडासमा उनसे मिलने पहुंच गए. पुरुषोत्तम सोलंकी के अच्छे मंत्रालय या फिर कैबिनेट मंत्री बनाने मांग विजय रूपाणी सरकार के लिए नई मुसीबत बन सकती है. देखना दिलचस्प होगा कि नितिन पटेल की तरह इस बार भी हाईकमान इसमें बीच में आता है या नहीं.
इसके पहले दिग्गज पाटीदार नेता और डिप्टी सीएम नितिन पटेल वित्त, शहरी विकास और पेट्रोकेमिकल विभाग छिन जाने से नाराज चल रहे थे. आखिरकार पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने उनको फोन किया और उनको वित्त विभाग देकर मना लिया गया. इससे पहले वित्त विभाग सौरभ पटेल को दिया गया था. लेकिन, राजनीतिक संकट के समाधान के लिए उनसे यह विभाग लेकर नितिन को दे दिया गया.
हार्दिक पटेल ने तो इस संकट का फायदा उठाने की कोशिश भी शुरू कर दी थी. हार्दिक ने खुलेआम ऑफर देते हुए था कि नितिन पटेल यदि 10 से ज्यादा विधायक लेकर कांग्रेस के साथ आ जाएं तो उन्हें कोई भी पद दिया जा सकता है.
लेकिन नितिन पटेल ने 10 विधायकों के समर्थन की बात को सिरे से खारिज कर दिया. नितिन पटेल ने साफ कहा कि पार्टी से इस्तीफा देने का कोई सवाल नहीं है. ये बात सिर्फ मान-सम्मान की है, न कि सत्ता की.