
गुजरात में इनवेस्टर समिट को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के बीच ट्विटर वॉर देखने को मिला. राहुल गांधी ने गुजरात में इनवेस्टर्स समिट के आयोजकों के मैदान छोड़ने संबंधी एक खबर ट्वीट की थी. इस पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भड़क गए.
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को टैग करते हुए उन्हें झूठा करार दिया. रूपाणी ने कहा कि राहुल गांधी को झूठ बोलते हुए शर्म नहीं आती. उन्होंने राहुल गांधी के दावे को नकारने के लिए कुछ आंकड़े भी दिए. रूपाणी यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि राहुल गुजरात का विकास नहीं देखना चाहते हैं, इसलिए ऐसे ट्वीट कर रहे हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दो दिन बाद यही एकमात्र ट्वीट किया था. शुक्रवार के बाद उन्होंने रविवार रात तक कोई ट्वीट नहीं किया था. रविवार रात को उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट को शेयर करते हुए लिखा- '2019 के गुजरात वाइब्रेंट समिट के आयोजक नोमो (नरेंद्र मोदी) की अध्यक्षता वाले आयोजन के भागीदार नहीं बने रहना चाहते हैं. उन्होंने मंच ऐसे ही छोड़ दिया है, जैसा कि उन्हें (मोदी) को पसंद है... खाली.'
बता दें कि इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन ने भी इस समिट का पार्टनर देश बनने से इनकार कर दिया है. गुजरात में यह समिट 18 जनवरी से 20 जनवरी 2019 तक चलना है.
इसके जवाब में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने एक खबर को ट्वीट करते हुए लिखा- 'राहुल गांधी आप एक बेशर्म झूठे शख्स हैं. इस बार वाइब्रेंट गुजरात में और भी ज्यादा भागीदारी हो रही है. आपके लिए कुछ आंकड़े पेश हैं. इसके साथ ही उन्होंने देश गुजरात की एक खबर का लिंक शेयर किया.'
उन्होंने आगे लिखा- 'आपके ट्वीट में जो खुशी झलक रही है, वह बताती है कि आप गुजरात को असफल होता देखने के लिए कितने बेचैन हैं. गुजराती इस राज्य के प्रति आपकी नफरत को पहचानते हैं, इसलिए वे लगातार कांग्रेस को नकारते आ रहे हैं और नकारते ही रहेंगे.'
बता दें कि रूपाणी ने जिस खबर का लिंक शेयर किया, उसमें दावा किया गया है कि इस बार वाइब्रेंट गुजरात समिट में 10 के मुकाबले 16 देश हिस्सा ले रहे हैं. यह बात गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के हवाले से ही लिखी गई है.