
नोटबंदी का असर खेती-किसानी पर भी पड़ा है. खेती बाड़ी और फसल के उचित दाम को लेकर जब 'आजतक' की टीम हरियाणा के दुर्जनपुर पहुंची, तो किसानों ने अपनी परेशानियां बताई. लेकिन वे सभी देशहित में नोटबंदी का समर्थन कर रहे थे.
किसान महेंद्र मेवाड़ का कहना है कि मोदी के फैसले से खेती बाड़ी में काफी फायदा होता है. जो थोड़ी समस्या आ रही थी, वह कार्ड पेमेंट से दूर की जा रही हैं. मंडी में भी कार्ड या चेक से पेमेंट कर रहे हैं. लेकिन, कई बार फसलों की बिक्री में कम रेट लगाया जाता है. इससे मुनाफा कम होता है.
किसान का तो यह कहना है कि जो रेट नोटबंदी से पहले मिलते थे वो अब पहले से काफी कम रेट पर बेचना पड़ रहा है, जिससे उनकी काफी मुश्किल हो गई है. उधर, व्यापारी का भी यही मानना है कि उनके व्यापार पर काफी असर पड़ा है. जिस वजह से वह किसान को उतनी रेट नहीं दे पा रहे. इसलिए उसको चेक से पेमेंट करनी पड़ती है. बैंकों से लंबी लंबी लाइनों के बाद भी व्यापार के लिए उतरा पैसा नहीं मिल पा रहा है और कैशलेस अभी शुरू नहीं हुआ है.
हिसार के अनाज मंडी में फसल बेचने आए किसानों का कहना था कि अभी तो परेशानी से जूझ रहे हैं. लेकिन, आगे चलकर उम्मीद यही कर रहे हैं कि नोटबंदी का कुछ अच्छा असर होगा और उनकी फसलों के उचित दाम उनको दोबारा मिलने शुरू होंगे.