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ट्रैफिक रूल तोड़ने में गुरुग्राम अव्वल, 8 महीने में कटे 8 लाख चालान

ट्रैफिक नियम तोड़ने से लोगों की जेब ढीली तो हो ही रही है, लोग सड़क हादसों का शिकार भी हो रहे हैं. बीते 8 महीने में सड़क दुर्घटनाओं की 300 से ज्यादा घटनाएं सामने आई हैं.

गुरुग्राम में ट्रैफिक जाम (फोटो गेटी इमेजेज) गुरुग्राम में ट्रैफिक जाम (फोटो गेटी इमेजेज)
रविकांत सिंह/तनसीम हैदर
  • गुरुग्राम,
  • 25 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 7:24 PM IST

ट्रैफिक नियम तोड़ने में सबसे आगे गुरुग्राम के लोग हैं. इतना ही नहीं, यहां के लोग ट्रैफिक नियम-कानूनों का सबसे ज्यादा मजाक भी बनाते हैं. इस बात का खुलासा ट्रैफिक पुलिस की चालानिंग ब्रांच के ताजा आंकड़ों से हुआ है.

ट्रैफिक पुलिस की मानें तो बीते 8 महीनों में पुलिस ने 8 लाख 68 हजार ट्रैफिक चालान किए हैं. यानी साइबर सिटी में हर रोज तकरीबन 3500 ड्राइवर ट्रैफिक नियमों को ताक पर रखने के जुर्म में चालान कटने का शिकार होते हैं. यह बीते 10 साल का सर्वाधिक आंकड़ा है.

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जहां एक ओर ट्रैफिक रूल न मानने के चलते लोगों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है, तो दूसरी ओर लोग अपनी जान तक गवां रहे हैं. बीते साल सड़क हादसों में मरने वाले लोगों का आंकड़ा 400 के करीब था, तो बीते 8 महीनों में यह आंकड़ा तकरीबन 300 को पार कर गया है.

गुरुग्राम पुलिस के ट्रैफिक चालान ऑफिस के वेस्ट जोन में वैसे लोगों की संख्या सबसे अधिक है जिनका चालान हाई सिक्योरिटी नंबर न होने के चलते किया गया. शहर में नो पार्किंग एरिया में गाड़ी खड़ी करना, रॉन्ग साइड ड्राइविंग के साथ-साथ रेड लाइट जंप के मामले भी सर्वाधिक दर्ज किए गए हैं.

पिछले 8 महीने में पुलिस ने अगर सबसे ज्यादा चालान काटे तो इसमें पुलिस विभाग की कमाई भी खूब हुई है. चालान और जुर्माने से गुरुग्राम पुलिस को लगभग 14 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है. इसके बावजूद लोग मानने को तैयार नहीं हैं. तभी ट्रैफिक नियम का पालन करने में दिल्ली एनसीआर में गुरुग्राम सबसे पीछे है.   

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