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मुरथल गैंगरेप पर पलटी हरियाणा पुलिस, कहा- सामने आईं बलात्कार की शिकार तीन महिलाएं

हाई कोर्ट में दाखिल विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट के मुताबिक मुरथल में रेप की शिकार तीन महिलाएं सामने आई थीं. हरियाणा की आईजी (दक्षिणी रेंज, सह-प्रभार) और एसआईटी की चीफ ममता सिंह ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर अपनी रिपोर्ट सौंपी.

रोहित गुप्ता
  • चंडीगढ़,
  • 12 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 12:28 PM IST

जाट आंदोलन के दौरान हरियाणा के मुरथल में गैंगरेप होने इनकार करती आई हरियाणा पुलिस अपने दावे से पलट गई है. हरियाणा पुलिस ने सोमवार को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के सामने स्वीकार किया कि जाट आंदोलन के दौरान इस तरह की घटनाओं की संभावनाएं हो सकती हैं.

रेप की शिकार तीन महिलाएं सामने आईं
हाई कोर्ट में दाखिल विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट के मुताबिक मुरथल में रेप की शिकार तीन महिलाएं सामने आई थीं. हरियाणा की आईजी (दक्षिणी रेंज, सह-प्रभार) और एसआईटी की चीफ ममता सिंह ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर अपनी रिपोर्ट सौंपी. इस रिपोर्ट के मुताबिक , पुलिस ने सोनीपत जिले के मुरथल में नेशनल हाईवे-1 पर घटी घटना के संबंध में 30 मार्च को दर्ज एफआईआर नंबर 118 में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376-डी के तहत रेप का मामला दर्ज किया है.

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दिल्ली की महिला ने की मुरथल में रेप होने की शिकायत
एफआईआर में रेप की धारा दिल्ली की एक महिला शिकायत के आधार पर लगाई गई है, जिनके मुताबिक आंदोलनकारियों ने कथित तौर पर उनके साथ रेप किया था. राज्य सरकार ने कहा कि उसके पास कुछ गुमनाम पत्र आए, जिसमें वहां रेप की बात कही गई है.

हरियाणा सरकार ने किया था गैंगरेप नहीं होने का दावा
इससे पहले फरवरी में हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में दावा किया था कि जाटों के आंदोलन के दौरान सोनीपत जिले में रेप या छेड़छाड़ जैसी कोई घटना नहीं घटी थी. सरकार ने इस संबंध में हाई कोर्ट में एक स्टेटस रिपोर्ट जमा कराई थी. कई महिलाओं के साथ कथित तौर पर गैंगरेप के आरोप के बाद हरियाणा पुलिस की एसआईटी ने जांच के बाद प्रारंभिक स्टेटस रिपोर्ट सौंपी थी. इस टीम में सभी अधिकारी महिलाएं थीं. एसआईटी की इस रिपोर्ट में कहा गया कि कथित गैंगरेप या छेड़छाड़ की शिकायत करने कोई महिला सामने नहीं आई.

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HC ने लगाई खट्टर सरकार को फटकार
दरअसल, मीडिया में आई गैंगरेप की घटना की खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार व पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट सौंपने को कहा था. हाईकोर्ट ने सोमवार को मनोहर लाल खट्टर सरकार से जाट हिंसा की घटनाओं को देखने के लिए प्रकाश सिंह कमेटी की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाया और इसके संवैधानिक व कानूनी स्थिति को स्पष्ट करने को कहा.

जाट आंदोलन के दौरान हुई थी 30 लोगों की मौत
सरकारी नौकरियों व शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर नौ दिन चले जाट आंदोलन के दौरान कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 320 से अधिक लोग घायल हो गए थे.

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