
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले सम्मन जारी किया है.
वीरभद्र सिंह के अलावा उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह समेत कुल 9 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट के मुताबिक वीरभद्र की आय से 10.30 करोड़ संपत्ति ज्यादा है. मामले में आरोपी सभी 9 लोगों को आगामी 22 मई को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश होना होगा.
कुछ दिन पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में गिरफ्तार किए गए इकलौते शख्स एलआईसी एजेंट आंनद चौहान की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. ईडी ने हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी एलआईसी एजेंट आनंद चौहान को पिछले साल जुलाई में गिरफ्तार किया था.
सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय भी वीरभद्र सिंह के खिलाफ 2009-2012 के दौरान जुटाई गई 6.03 करोड़ रुपये की संपत्ति की जांच कर रहा है जो उनके परिजनों के नाम पर एलआईसी पॉलिसी में निवेश की गई थी.
एसआईसी की ये पालिसी आंनद चौहान के माध्यम से ही की गई थी. वीरभद्र सिंह पर यूपीए सरकार में इस्पात मंत्री रहते हुए आय से अधिक संपत्ति होने की जांच चल रही है. वीरभद्र सिंह ने मामला सामने आने के बाद इस राशि को अपने सब बागानों की आय बताया था लेकिन इनकम टैक्स विभाग की जांच में सामने आया कि जिन वाहनों से सेब की ढुलाई कागजों में दिखाई गई थी उनमें कुछ के नंबर टू व्हीलर के थे.
वीरभद्र 13 अप्रैल को ईडी के सामने भी पेश हो चुके है जहाँ उनसे करीब 10 घंटे तक पूछताछ की गई थी. इससे पहले 31 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट ने वीरभद्र सिंह की उस याचिका को भी खारिज कर चुका है जिसमें सीबीआई की एफआईआर रद्द करने की गुहार लगाई थी लेकिन कोर्ट ने साफ कर दिया कि आरोपी ये खुद तय नही कर सकता है कि उसके खिलाफ केस लोकल पुलिस दर्ज करें या फिर सीबीआई.
वीरभद्र सिंह के खिलाफ सीबीआई ने सितंम्बर 2015 में आय से अधिक संम्पत्ति और भ्रष्टाचार के मामले में केस दर्ज किया था.
इससे पहले हिमाचल हाई कोर्ट ने एक अक्टूबर 2015 को अपने अंतरिम आदेश में सिंह की गिरफ्तारी, पूछताछ करने और चार्ज शीट दायर करने पर रोक लगा दी थी. उस आदेश में कहा गया था कि ऐसा करने के लिए एजेंसी को कोर्ट की इजाज़त लेनी होगी. बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केस को दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया और हाई कोर्ट से आए इस आदेश के कुछ धंटें बाद ही सीबीआई ने इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट मे वीरभद्र सिंह के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी.