
अमरनाथ यात्रा शुरू होने के बीच सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी हमले की ताजा चेतावनी जारी की है. खुफिया सूचना में कहा गया है कि पाकिस्तान का लश्कर-ए-तैयबा ने पवित्र गुफा की तरफ जाने वाले रास्ते में पड़ने वाले पिस्सू टॉप और शेशांग पर हमले की ताक में बैठा हुआ है. यह दोनों स्थान रणनीतिक लिहाज से बेहद संवेदनशील माने जाते हैं.
श्रद्धालुओं का पहला जत्था बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे में जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हुआ था. इस जत्थे में कुल 1904 श्रद्धालु हैं, जिनमें 1554 पुरुष, 320 महिलाएं और 20 बच्चे शामिल हैं. आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए सुरक्षा के इंतजाम काफी कड़े किए हुए हैं. ये श्रद्धालु गुरुवार को मुख्य गुफा की तरफ रवाना होंगे.
सूत्रों ने बताया कि इन क्षेत्रों के आसपास सुरक्षा बंदोबस्त कड़े कर दिए गए हैं. अमरनाथ यात्रा लगातार 60 दिन चलती है. खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकी संगठन सुरक्षा बलों या उनके ठिकानों पर हमला कर सकते हैं. पहलगाम, अनंतनाग और पुलवामा में सुरक्षा बलों के महत्वपूर्ण ठिकाने हैं. अधिकारी ने बताया कि आतंकी कठुआ जिले के हिरानगर और सांबा में स्थिति आर्मी कैम्प पर भी हमले की फिराक में हैं.
समाचार पत्र इकॉनोमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सैन्य बलों को खुफिया सूचना से अवगत करा दिया गया है. इन कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच हिज्बुल मुजाहिद्दीन के रियाज नैयको ने कथित तौर से एक ऑडियो टेप जारी कर कहा है कि तीर्थयात्री उसके निशाने पर नहीं है. वे उनके मेहमान हैं.
अपने ऑडियो टेप में हिजबुल कमांडर ने कहा है कि अमरनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु अपनी परंपराएं पूरी करने आते हैं, वह हमारे मेहमान हैं. जम्मू-कश्मीर में सेना के अभियान ऑपरेशन ऑल आऊट पर टिप्पणी करते हुए कहा अगर सेना का ऑपरेशन ऑल आऊट सफल था तो घाटी में एनएसजी कमांडो लाने का क्या मकसद है.
अमरनाथ यात्रा के लिये विद्युतचुंबकीय चिप, बाइक, बुलेटप्रूफ एसयूवी युक्त पुलिस काफिले और जगह-जगह बुलेटप्रूफ बंकर जैसे व्यापक सुरक्षा इंतजाम किये गए हैं. यात्रा मार्ग जम्मू से वाया पहलगाम और बालटाल पर सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के 40 हजार से ज्यादा सशस्त्र जवानों को बंख्तरबंद गाड़ियों के साथ तैनात किया गया है. इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन का भी इस बार काफी इस्तेमाल किया जा रहा है. यात्रा मार्ग पर आतंकवादी किसी तरह की गड़बड़ी न कर पाएं, इसके लिये सेना की टुकड़ियों को भी तैनात किया गया है.