
देश के इतिहास में शायद यह पहला मौका होगा जब सुरक्षा एजेंसियां खुले तौर पर आतंक का रास्ता छोड़ने वाले लोगों की मदद कर रही हैं. सीआरपीएफ की ओर से एक हेल्प लाइन नंबर जारी किया गया है जिसके जरिए घाटी में सरेंडर की चाह रखने वाले युवा एजेंसी की मदद ले सकते हैं. CRPF इसके लिए 14411 नंबर से एक टोल फ्री हेल्प लाइन जारी की है.
आतंकी की राह से लौटने में मदद करने वाली इस हेल्प लाइन को 'मददगार' का नाम दिया गया है. यह उन भटके हुए युवाओं की मदद करेगी जो घाटी में आतंक की राह पर चल पड़े हैं और अब वापस मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं. यह कदम फुटबॉलर से आतंकी बने माजिद के सरेंडर के बाद उठाया गया है जो दो दिन पहले ही आतंकियों का साथ छोड़ वापस अपने घर लौटा है.
आतंक की राह छोड़ें युवा
जम्मू कश्नीर में सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर जनरल जुल्फिकार हसन ने जानकारी देते हुए कहा, 'मुझे लगता है कि काफी युवा वापस आना चाहते हैं, मैं उन सभी भरोसा दिलाना चाहता हूं कि वह खुले तौर पर आतंक की राह से वापस आ सकते हैं'. सीआरपीएफ ने इसी साल जून में कश्मीरी नागरिकों की मदद के लिए यह हेल्प लाइन जारी की थी, अब इस दिशा में भी इसका विस्तार किया जा रहा है.
आईडी हसन ने बताया कि यह हेल्प लाइन पुलिस और सेना दोनों की है. साथ ही आतंकियों समेत उनके परिजन, दोस्त भी वापसी के लिए इसकी मदद ले सकते हैं. उन्होंने भरोसा दिलाया कि एजेंसी किसी भी तरह से उन्हें प्रताड़ित नहीं करेगी.
रविवार को भी लेफ्टिनेंट जनरल जे एस संधू ने कहा, 'स्थानीय आतंकवादियों को यह एहसास होना चाहिए कि खुद को मुजाहिद कहना बहुत आसान है लेकिन क्या आप मुजाहिद हैं, या पाकिस्तान के लिए एक प्रॉक्सी? मुख्यधारा में वापस आओ, इससे घाटी में शांति की वापसी होगी. हम उन्हें सम्मानपूर्वक वापस लेने के लिए तैयार हैं.'
रंग ला रही हैं कोशिशें
सरकार और सुरक्षाबलों की कोशिशों के बीच घाटी के युवा माजिद के बाद आतंक का रास्ता चुनने वाले एक और युवक ने घर वापसी की है. साउथ कश्मीर के रहने वाले एक युवक ने परिजनों की अपील पर वापस घर लौटने का फैसला किया है. हालांकि सुरक्षा कारणों की वजह से पुलिस ने उसका नाम और जानकारी सार्वजनिक करने से इनकार किया है.