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आतंकी हमले में मारे गए गुलाम नबी पटेल से PDP-कांग्रेस ने झाड़ा पल्ला

कश्मीर के शोपियां जिले के राजपुरा इलाके में आतंकवादियों के हमले में गुलाम नबी पटेल नामक राजनीतिक कार्यकर्ता की मौत हो गई, जबकि दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर्स (PSO) यानी पुलिसकर्मी इसमें घायल हो गए. राजनीतिक दलों ने इस हत्या की निंदा की है, लेकिन पटेल किस दल से थे, इसको लेकर राजनीतिक दल किनारा काटते नजर आ रहे हैं.

गुलाम नबी पटेल पर आतंकी हमला गुलाम नबी पटेल पर आतंकी हमला
राम कृष्ण/अशरफ वानी
  • श्रीनगर,
  • 25 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 11:42 PM IST

कश्मीर के शोपियां जिले के राजपुरा इलाके में आतंकवादियों के हमले में गुलाम नबी पटेल नामक राजनीतिक कार्यकर्ता की मौत हो गई, जबकि दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर्स (PSO) यानी पुलिसकर्मी इसमें घायल हो गए. राजनीतिक दलों ने इस हत्या की निंदा की है, लेकिन पटेल किस दल से थे, इसको लेकर राजनीतिक दल किनारा काटते नजर आ रहे हैं. सूबे की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पटेल को ‘‘वरिष्ठ कांग्रेस नेता’’ बताते हुए इस हत्या की निंदा की है, जबकि कांग्रेस ने दावा किया कि गुलाम नबी पटेल पीडीपी कार्यकर्ता थे.

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नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने तंज कसते हुए कहा कि अगर पीडीपी और कांग्रेस उनको अपनाने को तैयार नहीं है, तो पटेल को उनकी पार्टी का कार्यकर्ता कहा जा सकता है. पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दावा किया कि कांग्रेस और पीडीपी मरने वाले नेता को नहीं अपनाना चाहते हैं, क्योंकि वह अपने कार्यकर्ताओं को बताने से बच रहे हैं कि उन पर खतरा है. हमले की विस्तृत जानकारी देते हुए एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि राजपुरा चौक के निकट आतंकियों की गोलीबारी में तीन लोग घायल हो गए. इनमें से एक घायल राजनीतिक कार्यकर्ता था, जिसकी पहचान गुलाम नबी पटेल के रूप में की गई है. अस्पताल ले जाने के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.

पुलिस अधिकारी के मुताबिक दो घायल पुलिस कर्मियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां उनकी स्थिति खतरे से बाहर है. उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया है और हमलावर आतंकियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान जारी है. पटेल ने 2002 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था, लेकिन 2008 में सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी में शामिल हो गए. साल 2014 में उन्होंने विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था.

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उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘वरिष्ठ कांग्रेस नेता एन पटेल के परिवार के लिए हार्दिक संवेदना प्रकट करती हूं, जिनकी आतंकवादियों ने राजपुरा में गोली मारकर हत्या कर दी. ऐसी कायराना हरकतों से कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता है.’’ इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता ने हत्या की कड़े शब्दो में निंदा करते हुए पटेल को ‘‘प्रसिद्ध पीडीपी कार्यकर्ता’’ बताया है.

इस बीच नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भी इस हत्या की निंदा करते हुए कहा कि अगर पीडीपी और कांग्रेस उसे अपनाने को तैयार नहीं है, तो पटेल को उनकी पार्टी का कार्यकर्ता कहा जा सकता है. उमर ने ट्वीट कर कहा ‘‘अल्लाह उन्हें जन्नत नसीब करे.’’

आखिर कौन थे गुलाम नबी पटेल

गुलाम नबी पटेल का असली नाम गुलाम नबी मीर था. साल 1996 में राजनीति में आने के बाद उन्होंने अपने नाम के साथ पटेल जोड़ लिया था. इसकी वजह यह थी कि वो सरदार पटेल को अपना आदर्श मानते थे. उन्होंने साल 1996 का विधानसभा चुनाव राजपुरा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय लड़ा था. इसमें वो वह बहुम कम वोटों से हारे थे. इसके बाद साल 2002 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें टिकट दिया था. फिर साल 2008 के विधानसभा चुनाव में गुलाम नबी पटेल ने पीडीपी और कांग्रेस दोनों दलों से टिकट मांगा, लेकिन किसी ने उनको टिकट नहीं दिया.

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इस पर उन्होंने SDF नाम से नई पार्टी बनाई और चुनाव मैदान में उतर गए. साल 2014 के विधानसभा चुनावों में वह पीडीपी के समर्थन में थे और लगातार तीन विधानसभा चुनाव लड़ने के चलते उनको दो PSO भी मिले थे, लेकिन जब बुधवार को उनकी हत्या कर दी गई, तो सभी पार्टियां उनको अपना कार्यकर्ता बताने से बच रही हैं.

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