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J-K में लोकसभा से पहले भी हो सकते हैं चुनाव: मुख्य निर्वाचन आयुक्त

जम्मू-कश्मीर में बुधवार को बेहद नाटकीय सियासी घटनाक्रम देखने को मिला. जब राज्य में सरकार बनाने को लेकर पीडीपी और सज्जदान लोन का खेमा राज्यपाल को समर्थन पत्र भेजने की कोशिश करते रहें और राज्यपाल ने विधानसभा भंग करने का ऑर्डर पास कर दिया.

ओ पी रावत मुख्य निर्वाचन आयुक्त (फाइल फोटो-पीटीआई) ओ पी रावत मुख्य निर्वाचन आयुक्त (फाइल फोटो-पीटीआई)
विवेक पाठक
  • नई दिल्ली,
  • 22 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 12:33 AM IST

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा भंग होने के बाद उठे सियासी बवाल के बीच मुख्य निवार्चन आयुक्त ओपी रावत ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में 6 महीने के भीतर चुनाव होंगे. उन्होंने इस संभावना से भी इनकार नहीं किया है जिसमें राज्य में विधानसभा चुनाव, लोकसभा 2019 से पहले भी चुनाव हो सकते हैं.

मुख्य निवार्चन आयुक्त ओपी रावत ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में चुनाव, मई से पहले हो होने चाहिए....यह लोकसभा के पहले भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के नियाम के मुताबिक इन परिस्थितियों में विधानसभा चुनाव 6 महीने यानी मई 2019 तक हो जाना चाहिए.

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हालांकि रावत ने यह भी कहा कि आयोग राज्य में चुनाव की तारीख सभी पहलुओं को देखते हुए तय करेगा. गौरतलब है कि बुधवार को बड़े ही नाटकीय घटनाक्रमों के बीच जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग हो गई. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता है सज्जाद लोन ने राज्यपाल के समक्ष राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने की कोशिश करते रहे. लेकिन राजभवन की तरफ से विधानसभा भंग करने का आर्डर आ गया.

यह भी पढ़ें: फैक्स अटका! ...और J-K में खत्म हो गई सरकार बनाने की संभावना

जम्मू कश्मीर में बीजेपी के पीडीपी से समर्थन वापसी के बाद से राज्यपाल का शासन है. महबूबा मुफ्ती ने एनसी के 15 और कांग्रेस के 12 विधायकों के साथ 56 सदस्यों के समर्थन का दावा किया था. वहीं सज्जाद लोन ने बीजेपी के 25 और 18 अन्य विधायकों के समर्थन का दावा किया था.

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राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग करने के मुख्य कारणों में एक कारण यह भी गिनाया है कि राज्य में सरकार बनाने की खातिर बड़े पैमाने पर खरीद फरोख्त होने वाली थी. उन्होंने यह भी कहा है कि जो पार्टियां कल तक सदन भंग करने की मांग कर रहीं थीं वे सरकार बनाने के लिए एक हो रही हैं. ऐसे गठबंधन राज्य में स्थाई सरकार नहीं दे सकते.

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