
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के चार साल बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है. SC ने इसकी वैधानिकता को सही ठहराया है. कोर्ट के फैसले पर जम्मू कश्मीर के पूर्व महाराजा हरि सिंह के बेटे और पूर्व सांसद कर्ण सिंह ने खुशी जताई है. उन्होंने कहा, मैं कोर्ट को बधाई देना चाहता हूं. साथ ही अगले साल तक चुनाव कराए जाने और राज्य का दर्जा दिए जाने का आदेश भी जम्मू कश्मीर के लिए खुशी देने वाला है.
बता दें कि 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रभाव को खत्म कर दिया था, साथ ही राज्य को 2 हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था. दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था. केंद्र के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 23 अर्जियां दी गई थीं. सभी को सुनने के बाद सितंबर में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. 370 हटने के 4 साल, 4 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने फैसला सुनाया.
'सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ हो गई स्थिति'
कोर्ट के फैसले के बाद पूर्व सांसद कर्ण सिंह ने कहा, मैंने देखा, जब सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई फैसला सुना रहे थे. वे एक-एक क्लॉज को पढ़ रहे थे. सब परिस्थितियां देखते हुए एक नतीजे पर पहुंचे हैं. मैं उसका स्वागत करता हूं. बहुत दिनों से यह बात हवा में थी. अब कम से कम यह साफ हो गया कि जो हुआ, वो वैध प्रक्रिया थी. राजनीतिक रूप से भले कोई समझे कि नहीं होना चाहिए. लेकिन न्यायिक दृष्टिकोण से वैध है... यह साफ हो गया है. दूसरा- सुप्रीम कोर्ट ने दो बातें बड़ी अच्छी की हैं. मैं सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई को बधाई देना चाहता हूं. पहला- उन्होंने कहा कि जल्द राज्य का दर्जा बहाल किया जाए. मैं यह बात पहले से कह रहा था. जम्मू कश्मीर को काटकर दो हिस्सों में बना दिया है, यह बात किसी को स्वीकार नहीं थी. यह बात गले से नहीं उतर रही थी.
'जरूरी नहीं कि पहले चुनाव हों, फिर...'
उन्होंने आगे कहा, चूंकि जम्मू कश्मीर एक बहुत विशेष राज्य था. पहले कहा जाता था कि ये भारत वर्ष का मुकुट है. बाद में यूनियन टेरेटरी बनने से हरियाणा और हिमाचल से भी नीचे आ गए. मेरी प्रधानमंत्री से भी यही प्रार्थना है कि जल्द से जल्द राज्य का दर्जा दिया जाए. यह जरूरी नहीं है कि पहले चुनाव हों, फिर राज्य का दर्जा दिया जाए. चुनाव हों तो राज्य के लिए हों. केंद्र शासित प्रदेश के लिए क्यों हों. दूसरा- कोर्ट ने यह भी कहा कि सितंबर 2024 तक चुनाव होना चाहिए. ये फैसला भी बहुत अच्छा आया है. अगले साल के लिए समय दे दिया है.
'विरोध करने का लाभ नहीं...'
कर्ण सिंह ने कहा, एक बात और कहना चाहता हूं. मुझे पता है कि जम्मू कश्मीर के कुछ लोगों को यह फैसला अच्छा नहीं लगेगा. उनके हमदर्द होने के नाते बताना चाहता हूं कि मैं भी जम्मू कश्मीर का ही रहने वाला हूं. मेरी उनसे प्रार्थना है कि ये फैसला स्वीकार कर लें. विरोध करने का लाभ नहीं है. अब वो चुनाव के लिए तैयार हो जाएं. चुनाव को डटकर लड़ें. अपनी शक्ति चुनाव में लगाएं. इसके विरोध कार्यों में शक्ति ना लगाएं. मेरी उनसे व्यक्तिगत प्रार्थना है.
'जो कड़वाहट हो गई, वो दूर हो जाए'
पूर्व सांसद का कहना था कि मैं जानता हूं कि कुछ लोग बहुत प्रसन्न होंगे. कुछ लोग बहुत दुखी होंगे. जीवन में कुछ बातें अच्छी लगती हैं, कुछ बुरी लगती हैं. अच्छे मन से इसे स्वीकार कर लेना चाहिए. जो कड़वाहट हो गई है, वो दूर हो जाए. जम्मू कश्मीर खुशहाली और प्रसन्नता से रहें. महबूबा और उमर के हाउस अरेस्ट के दावों पर कर्ण सिंह ने कहा, मैं तो अपने हाउस में बैठा हूं. मुझे उनसे हाउस के बारे में पता नहीं है.