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आतंकियों ने शादी समारोह से किडनैप कर 23 साल के कश्मीरी आर्मी अफसर की हत्या की

परिवार के सदस्यों ने निहत्थे सैन्य अधिकारी के अपहरण के बारे में पुलिस या सेना को सूचित नहीं किया, क्योंकि आतंकवादियों ने उन्हें ऐसा करने की धमकी दी थी.

लेफ्टिनेंट उमर फयाज़ पैरी लेफ्टिनेंट उमर फयाज़ पैरी
अशरफ वानी
  • शोपियां,
  • 10 मई 2017,
  • अपडेटेड 12:37 AM IST

छुट्टियों पर घर आये एक युवा सैन्य अधिकारी की शोपियां जिले में आतंकवादियों ने अपहरण करने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी, जिससे नाराज लोगों ने हत्यारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. युवा अधिकारी यहां एक शादी समारोह में शामिल होने आया था.

अधिकारियों ने कहा कि कुलगाम जिले के सुरसोना गांव के रहने वाले 22 वर्षीय लेफ्टिनेंट उमर फैयाज यहां से करीब 74 किलोमीटर दूर बाटपुरा में अपने मामा की लड़की की शादी में शामिल होने गए थे. बीती रात करीब दस बजे आतंकवादियों ने उनका अपहरण कर लिया. परिवार के सदस्यों ने निहत्थे सैन्य अधिकारी के अपहरण के बारे में पुलिस या सेना को सूचित नहीं किया, क्योंकि आतंकवादियों ने उन्हें ऐसा करने की धमकी दी थी.

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अधिकारियों ने कहा कि गोलियों से छलनी उनका शव बुधवार की सुबह हरमैन इलाके में उनके घर से करीब तीन किलोमीटर दूर मिला. शव के परीक्षण में उनके शरीर पर निशान मिले हैं जिससे संकेत मिलता है कि उन्होंने संदिग्ध आतंकवादियों का विरोध किया था, जिन्होंने उनका अपहरण किया. उन्हें बेहद करीब से गोली मारी गई और गोलियां उनके सिर, पेट और सीने में लगी हैं.

9 नकाबपोश आतंकियों ने किया अपहरण
स्थानीय लोगों ने कहा कि रात करीब आठ बजे नौ नकाबपोश लोग घर में घुसे. उन्होंने निहत्थे लेफ्टिनेंट फैयाज से अपने साथ चलने को कहा. लेफ्टिनेंट फैयाज की हत्या से स्थानीय लोगों में गुस्सा है और उन्होंने इसके लिये जिम्मेदार लोगों की पहचान कर उन्हें सजा दिलाने की मांग की.

रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने अपहरण और हत्या को कायरता का नृशंस कृत्य करार दिया. जेटली ने अपने ट्वीट में कहा, 'जम्मू कश्मीर का यह युवा अधिकारी एक प्रेरणा स्त्रोत था.'

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सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने फैयाज को होनहार अधिकारी बताते हुए कहा कि उन्होंने पिछले साल दिसंबर में सेना की राजपुताना राइफल्स में कमीशन लिया था और शादी में शामिल होने के लिए अपनी पहली छुट्टी पर गए थे. उन्हें जम्मू के अखनूर इलाके में स्थित अपनी यूनिट में 25 मई को वापस आना था.

हत्यारों की तलाश के लिए अभियान शुरू
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनके परिवार के सदस्यों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अपहरण के बारे में किसी को नहीं बताया, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि चेतावनी देने के बाद उसे छोड़ दिया जायेगा जैसा कि क्षेत्र के पुलिसकर्मियों के मामले में हुआ था. सैन्य अधिकारी के शव को पूरे सैनिक सम्मान के सुपुर्द-ए-खाक किया गया और इसमें उसके गांव के कुछ लोग भी शामिल हुए.

आठ जून 1994 को जन्मे फैयाज ने दक्षिणी कश्मीर के अशमुकम में नवोदय विद्यालय से पढ़ाई की थी. वह पुणे स्थित प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 129वें बैच के कैडेट थे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह पहला मौका था जब सेना में शामिल होने के बाद उन्होंने छुट्टी ली थी.

दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान के लिये जिम्मेदार विक्टर फोर्स के जनरल ऑफिसर इन कमांड मेजर जनरल बी एस राजू ने अपनी सभी यूनिट को आसपास के इलाकों में हत्यारों की तलाश के लिये अभियान शुरू करने को कहा है.

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हत्यारों को सबक सिखाने के लिए सेना ने लिया संकल्प
सेना ने युवा कश्मीरी लेफ्टिनेंट उमर फैयाज के हत्यारों को दंडित करने का संकल्प लिया. दक्षिण पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ और राजपुताना राइफल्स के कर्नल लेफ्टिनेंट जनरल अभय कृष्णा ने कहा, 'मैं परिवार को आश्वस्त करता हूं कि इस जघन्य अपराध और कायरतापूर्ण कृत्य के अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा.'

रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने शोपियां में आतंकवादियों द्वारा लेफ्टिनेंट उमर फैयाज के अपहरण और उनकी हत्या को कायरता और नीचतापूर्ण हरकत बताया. युवा अधिकारी की हत्या पर दुख व्यक्त करते हुए जेटली ने कहा कि फैयाज की कुर्बानी घाटी से आतंकवाद का सफाया करने की देश की प्रतिबद्धता को दोहराती है और वह कश्मीर के युवाओं को प्रेरित करते रहेंगे.

जेटली ने ट्वीट किया, 'शोपियां में लेफ्टिनेंट उमर फैयाज का अपहरण और उनकी हत्या कायरतापूर्ण और नीचतापूर्ण हरकत है. जम्मू-कश्मीर का यह युवा अधिकारी रोल मॉडल था. उन्होंने कहा, 'फैयाज एक असाधारण खिलाड़ी थे. उनका बलिदान घाटी से आतंकवाद के सफाए के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दोहराता है.'

कश्मीर को खड़ा होना होगा, अपने सपूतों के लिए
लेफ्टिनेंट जनरल कृष्णा ने कहा कि कश्मीर के लोगों को सामूहिक रूप से खड़ा होना होगा और जघन्य अपराध के अपराधियों और कायरों पर पलटवार करना होगा. उन्होंने कहा कि वे अपने सपूतों के दुखद नुकसान को अब और बर्दाश्त नहीं कर सकते.

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उन्होंने कहा, यह कश्मीर घाटी में महत्वपूर्ण क्षण है और कश्मीर की जनता निर्णायक तरीके से आतंकवाद के खिलाफ राय को पूरी तरह बदल देगी. उन्होंने फैयाज के परिवार से कहा कि सेना उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सेना में शामिल होने के बाद फैयाज ने पहली बार छुट्टी ली थी. उन्हें 25 मई को जम्मू के अखनूर इलाके में अपनी यूनिट में लौटना था.

इस हत्या से स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा है और उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने की मांग की. राजपुताना राइफल्स में तैनात सेना के अधिकारियों ने कहा कि फैयाज को उनके साथी काफी प्यार करते थे और जो भी काम उन्हें सौंपा जाता था उसे वह विशुद्ध तरीके से करते थे. फैयाज के पिता किसान हैं और सेब का कारोबार करते हैं. फैयाज एनडीए की हॉकी टीम का हिस्सा थे और वॉलीबॉल के भी शानदार खिलाड़ी थे.

CM महबूबा मुफ्ती ने जताया दुख
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या की निंदा की. मुफ्ती ने अपने बयान में कहा, 'यह ज्यादा दुखदायी है कि युवा अधिकारी छुट्टियों पर अपने घर आये थे और अपने रिश्तेदार की शादी में शामिल हो रहे थे.' मुख्यमंत्री ने लेफ्टिनेंट फैयाज के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.

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बीजेपी ने की तीखी निंदा
बीजेपी और नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने शोपियां में युवा सैन्य अधिकारी की बर्बर हत्या की निंदा की. प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता ब्रिगेडियर अनिल गुप्ता ने कहा कि शोपियां में मंगलवार की रात आतंकवादियों के घृणित और बर्बर कृत्य की हम तीखी निंदा करते हैं. जम्मू से मिली खबर के अनुसार उन्होंने कहा कि यह बर्बर कृत्य पाक प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा कश्मीरियों पर चरमपंथी विचारधारा का प्रकटीकरण है. गुप्ता ने कहा कि अपने ही एक कश्मीरी सुन्नी मुस्लिम की हत्या इस्लाम के सभी सिद्धांतों के खिलाफ है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने की जांच की मांग
नेशनल कांफ्रेंस ने भी युवा सैन्य अधिकारी की हत्या की निंदा की और इस घटना को बर्बर और अस्वीकार्य बताते हुए सरकार से इसकी जांच कराने की मांग की. नेकां प्रवक्ता जुनैद मट्टू ने कहा कि लेफ्टिनेंट उमर फैयाज के अपहरण और हत्या की निंदा की जानी चाहिए. उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना जताते हुए एक बयान में कहा कि सरकार को उस परिस्थिति की जांच करनी चाहिए जिससे उनकी दुखद मौत हुई.

राहुल गांधी ने फैयाज की हत्या की निंदा
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि दिवंगत सैन्य अधिकारी उमर फैयाज जिस उद्देश्य के लिए खड़े थे, उसे परास्त करने की कोशिश करने वाले खुद पराजित होंगे. कश्मीर के शोपियां में आतंकवादियों द्वारा लेफ्टिनेंट फैयाज की हत्या की निंदा करते हुए उन्होंने कहा, 'समूचा देश फैयाज के परिवार, दोस्तों और सहयोगियों के साथ दुख साझा करता है. मेरी गहरी शोक संवेदनाएं.'

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उन्होंने ट्विटर पर कहा, 'उनकी याद कभी नहीं मिटेगी. जिस उद्देश्य के लिए वह खड़े थे, उसे परास्त करने की कोशिश करने वाले खुद पराजित होंगे.'

 

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