
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के मुखिया यासीन मलिक को हिरासत में लिया गया है. सोमवार को अलगाववादी नेताओं की मीटिंग से पहले ही यासीन मलिका को हिरासत में ले लिया गया. इससे पहले रविवार को एनआईए ने पाकिस्तान से फंडिंग के आरोप में अलगाववादी नेताओं और उनके करीबियों के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी.
अलगाववादियों की मीटिंग कराई रद्द
एनआईए की कार्रवाई के बाद अलगाववादी नेताओं ने सोमवार को राजधानी श्रीनगर में बैठक बुलाई थी. अलगाववादियों की प्रस्वावित बैठक को लोकल प्रशासन ने रद्द करा दिया. मीटिंग से पहले ही जेकेएलएफ लीडर यासीन मलिक को हिरासत में लिया गया. मलिक को कस्टडी में लेकर पुलिस स्टेशन ले जाया गया. वहीं दूसरी तरफ हुर्रियत नेता मीरवाइज फारूक को उनके घर में ही नजरबंद किया गया.
गिलानी के घर पर पुलिस तैनात
ये मीटिंग हैदरपोरा में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सैय्यद अली शाह गिलानी के घर होनी थी. मीटिंग से पहले ही वहां पुलिस बल तैनात कर दिया गया. पुलिस ने किसी को भी गिलानी के घर जाने की इजाजत नहीं दी. अलगाववादी नेताओं ने दावा किया था कि उनके खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है. साथ ही कश्मीर के लोगों को कमजोर करने के लिए व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है.
NIA ने दो दिन की रेड
आजतक/इंडिया टुडे के स्टिंग ऑपरेशन के बाद केंद्र सरकार ने कश्मीर में पाकिस्तानी फंडिंग को लेकर एक्शन लिया था. जिसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है. इसी सिलसिले में NIA की टीम ने शनिवार-रविवार को जम्मू और श्रीनगर में छापेमारी की. एनआईए ने रविवार को 6 ठिकानों पर छापेमारी की. हुर्रियत नेता गिलानी के करीबी अयाज के घर भी रविवार को रेड की गई.
NIA की इस कार्रवाई से बौखलाकर सोमवार को हुर्रियत समेत तमाम अलगाववादी संगठनों ने एक संयुक्त बैठक बुलाई थी. इस बैठक से पहले जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया गया.
दिल्ली में हुई थी पूछताछ
NIA ने फंडिंग के आरोप में तीन अलगाववादी नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है. इनमें बिट्टा कराटे, नईम खान और जावेद गाजी के नाम शामिल हैं. इन तीनों नेताओं से एनआईए दिल्ली बुलाकर भी पूछताछ कर चुकी है.
क्या था ऑपरेशन हुर्रियत?
आजतक/इंडिया टुडे ने स्टिंग ऑपरेशन हुर्रियत कर कश्मीर में पत्थरबाजी और अशांति के लिए पाकिस्तानी फंडिंग का खुलासा किया था. इसमें पहली बार कैमरे पर अलगाववादी नेता पाकिस्तान से पैसे लेकर घाटी में माहौल खराब करने की बात कबूलते दिखे. इसके बाद केंद्र सरकार ने एनआईए को इसकी जांच सौंप दी.