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आजतक का असर: टेरर फंडिंग केस में NIA ने गिलानी के करीबी देविंदर को हिरासत में लिया

जिन ठिकानों पर छापेमारी चल रही है वो देविंदर सिंह बहल नाम के शख्स से जुड़ी हुई हैं. देविंदर सिंह बहल अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का सहयोगी बताया जा रहा है.

देविंदर सिंह बहल का आवास देविंदर सिंह बहल का आवास
कमलजीत संधू/जितेंद्र बहादुर सिंह
  • जम्मू,
  • 30 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 7:45 AM IST

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने टेरर फंडिंग पर आजतक के स्टिंग ऑपरेशन को लेकर जांच का दायरा बढ़ाते हुए कश्मीर के कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी से जुड़े एक वकील के दफ्तर और घर पर छापे मारे.

एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू में जम्मू कश्मीर सोशल पीस फोरम के प्रमुख देवेंद्र सिंह बहल के दफ्तर और घर पर छापे मारे गए. गिलानी के करीबी सहयोगी बहल उनके अलगाववादी संगठनों के समूह के लीगल विंग के सदस्य भी हैं. एनआईए ने कहा कि बहल भी आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में नियमित रूप से शामिल होते हैं.

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प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी को शक है कि वह पाकिस्तान में बैठे हैंडलरों से पैसे लेकर उसे अलगाववादी नेताओं को पहुंचाने में शामिल है. उन्होंने दावा किया कि छापेमारी के दौरान बहल के जुर्म से जुड़े दस्तावेज, चार मोबाइल फोन, एक टैबलेट कम्प्यूटर और कुछ दूसरे सामान जब्त किए गए और अभी उनसे पूछताछ की जा रही है.

वहीं इससे पहले 3 जून की गई एनआईए की छापेमारी में सैयद अली शाह गिलानी के हस्ताक्षर किया हुआ हुर्रियत का कैलेंडर मिला है. अलगाववादी अल्ताफ शाह फंटूश के घर से हुर्रियत का कैलेंडर बरामद हुआ.

-4 अगस्त 2016: कैलेंडर में सेना और सुरक्षाबलों के खिलाफ धरना प्रदर्शन और लोगों को भड़काने की साजिश.

-6 अगस्त 2016: लोगों को लोकल चौक और अलग-अलग जगह पर इकट्ठा होने को कहा गया, धरना प्रदर्शन की अपील.

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-8 अगस्त 2016: श्रीनगर के तरफ जाने वाली सभी सड़कों को ब्लॉक करना और लोगों को ड्यूटी ज्वाइन करने से रोकना और सभी को फोन कर कर के इस बात का दवा बनाना क्यों ऑफिस ना जाए.

-9 अगस्त 2016: औरतों से अपील कि वह असर से मगरिब तक प्रदर्शन में शामिल हो और जगह-जगह इस्लामिक और आजादी के गाने मस्जिदों से बजाये जाए.

-10 अगस्त 2016: जम्मू-कश्मीर में तैनात सभी सुरक्षाबलों को लेटर दिया जाए और उसे कहा जाए कि वह यहां से वापस जाएं

-11 अगस्त 2016: सभी भारत समर्थित राजनेताओं और सरपंचों से यह कहा जाए कि वह अपने पदों से त्यागपत्र दे और अपने अपने दरवाजे पर अपने त्यागपत्र की कॉपी चिपकाएं.

-12 अगस्त 2016: आजादी के समर्थन में सभी इमाम को यह कहा गया कि मस्जिदों में लोगों को आजादी के लिए जागरूक करें और मस्जिद के दरवाजे पर आजादी के पोस्टर चिपका कर रखें.

-13 अगस्त 2016: काले झंडे लेकर के प्रदर्शन में शामिल हों.

-14 अगस्त 2016 पाकिस्तानी डे: इस दिन पाकिस्तान के लिए स्पेशल प्रयोग किए जाएं. नमाज की जाए और हर मस्जिद में पूरे दिन गाने बजाए जाएं.

-15 अगस्त 2016: जम्मू कश्मीर में ब्लैक डे मनाया जाए. काले झंडे लेकर राजदूत कार्यालय के सामने प्रदर्शन हो. अपने घरों के ऊपर भी काले झंडे रखें. दुकान मार्केट और हर चौराहे पर काले झंडे लगाए जाएं.

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- 16 अगस्त: औरतें प्रदर्शन में शामिल हों और आजादी के मस्जिदों में तराने और गाने बजे.

वहीं टेरर फंडिंग से ही जुड़े एक अन्य मामले में NIA ने गिलानी के दूसरे बेटे नसीम को समन भेजकर बुधवार को एजेंसी के सामने पेश होने को कहा. इससे पहले एनआईए ने गिलानी के बड़े बेटे नईम को शनिवार को मुख्यालय तलब किया था. हालांकि इसी दौरान नईम ने सीने में दर्द की शिकायत की, जिसके बाद श्रीनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

बता दें कि आजतक के स्टिंग 'ऑपरेशन हुर्रियत' में कश्मीरी अलगवादियों ने सीमा पार से फंडिंग की बात कबूल करते कैमरे में कैद हुए थे. इस मामले के उजागर होने के बाद सरकार ने इसकी जांच एनआईए के सुपुर्द कर दी. इस मामले में आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के मुखौटा संगठन पाकिस्तान स्थित जमात उल दावा के प्रमुख हाफिज सईद को आरोपी बनाया गया है.

 

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