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'ऑपरेशन हुर्रियत' का बड़ा असर, कश्मीरी कारोबारी वटाली से NIA कर रही पूछताछ

आतंकी फंडिग के मामलों में एनआईए की कड़ी कार्रवाई लगातार जारी है. बुधवार को एनआईए जम्मू-कश्मीर में 12 जगहों पर छापेमारी की है. NIA ने श्रीनगर, बारामूला और हंदवाड़ा के 12 जगहों पर छापे मारे हैं. छापेमारी अभी भी जारी है. श्रीनगर की दो जगहों पर छापे मारे गए हैं, एक पीरबाग और आलूचीबाग. दोनों जगह बिजनेसमैन लोगों के यहां छापे मारे गए हैं.

NIA की छापेमारी (संकेतात्मक तस्वीर) NIA की छापेमारी (संकेतात्मक तस्वीर)
जितेंद्र बहादुर सिंह/कमलजीत संधू/शुजा उल हक
  • श्रीनगर,
  • 16 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 2:34 PM IST

आतंकी फंडिग के मामलों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की कड़ी कार्रवाई लगातार जारी है. बुधवार को एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में 12 जगहों पर छापेमारी की है. NIA ने श्रीनगर, बारामूला और हंदवाड़ा के 12 जगहों पर छापे मारे हैं. छापेमारी अभी भी जारी है. श्रीनगर की दो जगहों पर छापे मारे गए हैं, एक पीरबाग और आलूचीबाग. दोनों जगह बिजनेसमैन लोगों के यहां छापे मारे गए हैं. इनमें कारोबारी जहूर वटाली के ड्राइवर के घर भी छापे मारे गए हैं.

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NIA ने अब कारोबारी वटाली को पूछताछ के लिए भी बुलाया है. वटाली की कई संपत्तियों का सीधा संबंध पाकिस्तान से पाया गया है. वटाली से उसके ISI के कथित संबंधों, अलगाववादियों के साथ रिश्तों के बारे में भी पूछताछ हो रही है. कहा जा रहा है कि वटाली के पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के साथ भी संबंध थे.

पुलिसिया रिकॉर्ड की मानें, तो वटाली को पहली बार 1990 में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद 1994 में भी उसे हिरासत में लिया गया था. कहा जा रहा है कि वटाली एक समय पर अलगाववादी नेता अब्दुल गनी लोन का ड्राइवर हुआ करता था.

जहूर वटाली के करीबियों पर छापेमारी

छापेमारी में कारोबारी जहूर वटाली के करीबियों के यहां भी छापेमारी हुई है. कहा जा रहा है कि इनकी अधिकतर संपत्ति दुबई, मुंबई, दिल्ली और चंडीगढ़ में है. जहूर वटाली के जिस ड्राइवर के यहां पर छापेमारी हुई है उसका नाम मोहम्मद अकबर है. इसके अलावा तराहमा में भी शफी के यहां पर छापे मारे गए हैं. शफी पेशे से वकील है.

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कौन है जहूर वटाली?

एनआईए कश्मीर में आतंकी फंडिंग की जांच कर रही है. इसमें वहां का मुख्य कारोबारी जहूर वटाली मुख्य सूत्र है. घाटी में गड़बड़ी फैलाने वालों के कथित फाइनेंसरों की लिस्ट में टॉप पर जहूर वटाली का नाम है. वटाली श्रीनगर में बागात बरजला का रहने वाला है. कहा जाता है कि वटाली के अलगाववादी नेताओं के साथ भी अच्छे संबंध हैं.

वटाली का कारोबार कश्मीर से यूएई और यूरोप तक फैला हुआ है. वटाली की कई कंपनियों पर शक जांच एजेंसियों को शक है. अधिकारियों को अंदेशा है कि वटाली की कंपनियां मनी लॉन्ड़्रिंग और आतंकवाद को फंडिंग के लिए मुखौटे के तौर पर काम कर रही हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि वटाली की आईएसआई में गहरी पैठ है. अब एनआईए वटाली के सभी तरह के लेनदेनों को बारीकी से खंगाल रही है.

आजतक के ऑपरेशन के बाद शुरू हुई थी कार्रवाई

आपको बता दें कि आज तक के ऑपरेशन हुर्रियत के बाद आतंकवाद को फंडिंग के आरोप में कई अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया गया था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने करीब 20 दिनों तक अलगाववादी नेताओं से पूछताछ की थी. बताया जा रहा है कि पूछताछ में कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं, जिसको लेकर NIA की जांच जारी है. पिछली सुनवाई में हुर्रियत नेता गिलानी के दामाद अल्ताफ फंटूश समेत मेहराजुद्दीन कलवाल, पीर सैफुल्लाह और नईम खान को कोर्ट ने 28 अगस्त तक के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया है.

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NIA ने पटियाला हाउस कोर्ट को बताया था कि पूछताछ में जितनी भी बातें सामने आईं हैं, उस पर तो जांच जारी है लेकिन अगर आगे भी किसी आरोपी से पूछताछ करनी होगी तो एजेंसी कोर्ट से इजाजत लेगी. कश्मीर में टेरर फंडिंग को लेकर कुल 7 अलगाववादी नेताओं को पिछले महीने NIA ने गिरफ्तार किया था.

इनमें से तीन नेताओं से लगातार 10 दिन तक NIA ने पूछताछ की. NIA इन्हीं नेताओं से आगे भी पूछताछ करना चाहती थी. लिहाजा, कोर्ट ने बीते 4 अगस्त को तीन नेताओं को 30 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. बताते चलें कि टेरर फंडिंग मामले में इन सभी अलगाववादी नेताओं को NIA ने गिरफ्तार किया था. NIA ने कोर्ट में दलील दी कि जब से इनकी गिरफ्तारी हुई है, घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं में खासा कमी आई है.

 

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