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जम्‍मू-कश्‍मीर: PDP के साथ गठबंधन की समीक्षा करेगी BJP

बीजेपी के सूत्रों की माने तो बीजेपी महासचिव राम माधव से मिलकर हसीब दराबू ने ही बीजेपी और पीडीपी गठबंधन सरकार की नीव रखी थी.

महबूबा मुफ्ती-अमित शाह महबूबा मुफ्ती-अमित शाह
रणविजय सिंह/हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 14 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST

जम्मू-कश्मीर में वित्त मंत्री हसीब दराबू की बर्खास्तगी के बाद बीजेपी और पीडीपी गठबंधन की सरकार पर एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं. वित्त मंत्री हसीब दराबू की बर्ख़ास्तगी के बाद बीजेपी आलाकमान ने जम्मू-कश्मीर के अपने नेताओं को दिल्ली तलब किया है.

बीजेपी के सूत्रों की माने तो बीजेपी महासचिव राम माधव से मिलकर हसीब दराबू ने ही बीजेपी और पीडीपी गठबंधन सरकार की नीव रखी थी. हसीब दराबू ने पिछले हफ़्ते अपने एक बयान में कहा था कि कश्मीर राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि ये सोशल मुद्दा हैं. लेकिन पीडीपी हमेशा से कश्मीर को राजनीतिक समस्या मान कर पाकिस्तान के साथ बातचीत करके ही कश्मीर समस्या का हल हो इसकी मांग करती है. इसलिए मुख्यमंत्री महबूबा का मानना है कि हसीब दराबू का यह बयान पीडीपी की राजनीतिक सोच और पार्टी की विचारधारा के खिलाफ है.

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पिछले एक साल में जिस तरह से आतंकवादियों के एनकाउंटर को लेकर, मेजर आदित्य मामले या इसी तरह के अन्य मामलों में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती या पीडीपी के नेताओ के बयान आये हैं उससे बीजेपी पहले से ही आहत थी. अब हसीब दराबू की बर्ख़ास्तगी ने आग में घी डालने का काम किया है. इसीलिए राज्य बीजेपी नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है. बीजेपी आलाकमान अब पीडीपी के साथ  गठबंधन में क्या करना है इसको लेकर अपने स्टेट के नेताओं के साथ आगे की रणनीति तय करेगा.

सूत्रों की माने तो बीजेपी आलाकमान की चिंता इस बात की है कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती को अभी से चुनाव का डर सताने लगा है. इसलिए अब गठबंधन के न्यूनतम साझा कार्यक्रम के एजेंडे को छोड़कर अपने कोर कट्टर मुद्दों की राजनीति की तरफ़ आगे बढ़ने लगी है. बीजेपी के इस गठबंधन के सभी पहलुओं पर विचार कर रहा है. क्‍योंकि RSS पहले से इस गठबंधन से ख़ुश नहीं था. 

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