
पाकिस्तान से घाटी में आने वाली टेरर फंडिंग को 'आजतक' के स्टिंग 'ऑपरेशन हुर्रियत' ने कैमरे पर बेनकाब किया था. इस ऑपरेशन के बाद जांच एजेंसी NIA ने टेरर फंडिंग के मामले में हुर्रियत नेताओं की गिरफ्तारी भी की है. साथ ही स्टिंग ऑपरेशन की वजह से घाटी में होने वाली पत्थरबाजी में भी भारी गिरावट आई है. हुर्रियत पर नकेल कसने के बाद से ही पत्थरबाजों तक पैसा नहीं पहुंच पा रहा है और इसी वजह से घाटी में पत्थरबाजी कम हुई है.
आईए आपको सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं कि आखिर घाटी में पाक प्रायोजित पत्थरबाजी पर कैसे लगाम कसी गई है.
1. 'आजतक' के स्टिंग ऑपरेशन में हुर्रियत नेताओं को कैमरे में पाक फंडिंग की बात कबूलते दिखाया गया था. इसके बाद NIA के अधिकारियों ने एसपी स्तर के 8 अधिकारियों की एक टीम बनाकर कश्मीर में पाकिस्तान की फंडिंग की जांच शुरू की.
2. स्टिंग 'ऑपरेशन हुर्रियत' को देखने के बाद ही आतंकवाद और आतंकी घटनाओं पर नजर रखने वाली जांच एजेंसी एनआईए ने तुरंत ही प्रारंभिक जांच का मामला दर्ज करते हुए बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी. एनआईए ने सबसे पहले 'आजतक' के कैमरे पर पाकिस्तान से हो रही हवाला फंडिंग की बात कबूलने वाले नईम खान, बिट्टा कराटे, जावेद बाबा, हाफिज़ सईद सहित अन्य लोगों के खिलाफ जांच शुरु की.
3. जब इस जांच में एनआईए को वैसे पुख्ता सबूत मिले जिसमें हुर्रियत नेताओं के सीधे संबंध हिज्बुल मुजाहिदीन और लश्कर के चीफ से मिलने लगे तो गृह मंत्रालय के लिखित आदेश के बाद एनआईए ने FIR दर्ज करते हुए जांच शुरू की. यह FIR जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद, हिज्बुल मुजाहिद्दीन, दुख्तरान-ए-मिल्लत, हुर्रियत कांफ्रेंस सहित दूसरे अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई.
4. FIR के मुताबिक़ हवाला के जरिए हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को पैसा मिल रहा है. FIR में कहा गया है कि केंद्र सरकार को सूचना मिली है कि हिज्बुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकी संगठनों की मिलीभगत से हुर्रियत कॉन्फ्रेंस कई गैरकानूनी और हवाला चैनल के जरिए पाकिस्तान से पैसे ले रहा है, जिसका इस्तेमाल कश्मीर घाटी को अशांत बनाए रखने के लिए होता है.
5. सूत्रों से पता चला है कि अलगाववादी महिला नेता आसिया अंद्राबी के नेतृत्व में महिलाओं की एक टीम स्कूल और कॉलेज की छात्राओं को बहकाती है. एजेंसी का मानना है कि पत्थरबाजी में छात्राओं को शामिल करने के लिए इन महिलाओं को पैसे दिए जाते हैं. जांच एजेंसी की FIR में हाफिज सईद, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के सदस्य, हिज्बुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा और दुख्तरान-ए-मिल्लत को आरोपी बताया गया है. FIR में कई बड़े नाम आने के बाद हुर्रियत नेताओं पर ताबड़तोड़ छापे और पूछताछ का सिलसिला शुरू हो गया.
6. एनआईए ने उसके बाद 3 जून 2017 को बड़ी कार्रवाई करते हुए जम्मू-कश्मीर और दिल्ली सहित अलग-अलग शहरों में करीब दो दर्जन जगहों पर छापेमारी की जिसमें एनआईए को कई चौंकाने वाले दस्तावेज मिले थे. एनआईए सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन दस्तावेजों के आधार पर एनआईए नईम खान, बिट्टा कराटे, जावेद बाबा, सहीद उल इस्लाम, अल्ताफ फंटूस जैसे अलगाववादी नेताओं से दिल्ली में दर्जनों बार पूछताछ कर चुकी है.
7. अब 7 मुख्य आरोपी NIA की गिरफ्त में है. कोर्ट ने 10 आरोपियों की रिमांज पर भेज दिया है. आने वाले समय में सैय्यद अली शाह गिलानी जैसे बड़े हुर्रियत नेताओं पर NIA शिकंजा कसेगा. NIA सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ NIA पहले चरण में पाकिस्तान की तरफ से होने वाली फंडिंग की जांच कर रही है. अगले कई चरणों में जांच पूरी की जाएगी.
8. हुर्रियत नेताओं से दिल्ली में पूछताछ के बीच पत्थरबाजी में भारी कमी आई है. अलगाववादी नेताओं पर आरोप लगते रहे हैं कि वह पत्थरबाजों को 500 और 1000 रुपए देकर एक दिन के लिए पत्थरबाजी कराते थे. अब पाक फंडिंग पर नकेल लगाने के बाद, पाकिस्तान से होने वाली फंडिंग को इन पत्थरबाजों तक नहीं पहुंच पा रही है. इसी वजह से पत्थरबाजी की घटना को पत्थरबाज अंजाम नहीं दे पा रहे हैं.
9. सुरक्षा एजेंसियों के आंकड़े साफ बताते हैं कि इस साल 1 जून से लेकर 11 जूलाई तक 44 आतंकी ढेर हुए फिर भी पत्थरबाजी की कोई बड़ी घटना नहीं हुई. 'आज़तक' को मिली जानकारी के मुताबिक पिछले साल 2016 में जब भी आतंकियों के ख़िलाफ़ सुरक्षा बल कार्रवाई करते थे तो कई दिनों तक पत्थरबाज आतंकियो की मदद के लिए पत्थरबाजी शुरू कर देते थे. लेकिन इस साल एक जून से लेकर 11 जुलाई तक 44 आतंकी मारे गए और पत्थरबाजी की छिटपुट घटनाएं ही घटी हैं.
10. पिछले साल 8 जुलाई को बुरहान वानी की मौत के बाद 3 महीने तक घाटी में पत्थरबाजी हुई थी. पिछले साल पत्थरबाजी में सुरक्षा एजेंसियों के हजारों जवान घायल हुए लेकिन इस साल जब से एनआईए की जांच के बाद पाकिस्तानी फंडिंग पर लगाम लगी है. साथ ही हुर्रियत नेताओं के खिलाफ जांच से पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है.
डीजी सीआरपीएफ ने 'आजतक' से खास बातचीत में कहा है कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल पत्थरबाजी की संख्या में काफी कमी आई है. 'ऑपरेशन हुर्रियत' पर पूछे सवाल पर डीजी CRPF ने कहा कि जिस तरीके से एनआईए इन पत्थरबाजों के आकाओं को गिरफ्त में ले रही है उसके बाद से ऐसी पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है. इसके अलावा पत्थरबाजी को रोकने के लिए सीआरपीएफ की तरफ से नए तरीकों का इस्तेमाल किया गया, उस रणनीति से भी इसपर लगाम लगी है. इस साल अब तक 424 पत्थरबाजी की घटनाएं हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक कहीं ज्यादा पत्थरबाजी की घटनाएं हुई थीं.