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कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता के घर आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका

जम्‍मू कश्‍मीर के ट्राल में आतंकियों ने पूर्व विधायक मोहम्‍मद अशरफ भट के आवास पर ग्रेनेड से हमला किया. इस हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है. हमले की जानकारी के बाद मौके पर पुलिस बल मौजूद है.

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
रणविजय सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 06 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 4:37 PM IST

जम्‍मू कश्‍मीर के ट्राल में आतंकियों ने नेशनल कांफ्रेंस के नेता मोहम्‍मद अशरफ भट के आवास पर ग्रेनेड से हमला किया. इस हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है. हमले की जानकारी के बाद मौके पर पुलिस बल मौजूद है.

मोहम्‍मद अशरफ भट के मुताबिक, ग्रेनेड उनके आवास के बाहर ही फट गया. इस वजह से कोई इस हमले में घायल नहीं हुआ. बता दें, इसी साल मई में भी मोहम्‍मद अशरफ भट के आवास पर ग्रेनेड से हमला हुआ था.

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ग्रेनेड हमले की सूचना मिलते ही पुलिस और सीआरपीएफ के जवान मौके पर पहुंच गए. उन्‍होंने आस-पास के इलाकों की घेराबंदी करते हुए तलाशी अभियान चलाया है.

वर्ष 2014 में नेशनल कांफ्रेंस के टिकट पर त्राल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके मोहम्मद अशरफ भट के पिता मोहम्मद सुभान भट, भाई फैयाज अहमद व शौकत अहमद आतंकी हमलों में मारे गए हैं.

बता दें, इससे पहले गुरुवार शाम को ही आतंकियों ने शोपियां से पुलिसकर्मी जावेद अहमद डार को अगवा किया था, जिसके बाद उनका शव कुलगाम से मिला. डार की हत्या की जिम्मेदारी हिज्बुल मुजाहिद्दीन ने ली है. गौरतलब है कि चंद दिनों पहले ही आतंकियों ने सेना के जवान औरंगजेब की अगवा कर हत्या कर दी थी. 

अमरनाथ यात्रा की वजह से मुस्तैद हैं एजेंसियां

आपको बता दें कि अमरनाथ यात्रा की वजह से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से मुस्तैद हैं. खुफिया सूचना में कहा गया है कि पाकिस्तान का लश्कर-ए-तैयबा ने पवित्र गुफा की तरफ जाने वाले रास्ते में पड़ने वाले पिस्सू टॉप और शेशांग पर हमले की ताक में बैठा हुआ है. यह दोनों स्थान रणनीतिक लिहाज से बेहद संवेदनशील माने जाते हैं. सुरक्षा को देखते हुए एजेंसियों ने कई तरह की तैयारियां की हैं, ताकि किसी भी परिस्थिति से निपटा जा सके.

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तीन आयामों पर काम कर रहीं एजेंसियां

1. जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसिया तीन आयामों पर काम कर रही है. एक तरफ ऑपरेशन ऑल आउट के जरिये आतंकियों का सफाया किया जा रहा है.

2. वहीं एनआईए और ईडी बड़े स्‍तर पर सीमा पार से आने वाले आर्थिक स्रोतों और आतंक के व्यापारियों पर नकेल कस रही है. इसी कड़ी में हुर्रियत नेताओं पर भी नकेल कसी जा रहा है. आजतक के "ऑपरेशन हुर्रियत" के बाद कई हुर्रियत नेता प्रवर्तन निदेशालय के मुकदमे और एनआईए की जांच का सामना कर रहे हैं.

3. तीसरा कदम ये है कि राज्यपाल शासन के दौरान भी सामाजिक पक्ष के सभी वर्गों से बात करने के लिए इंटरलॉक्यूटर काम करते रहेंगे. 

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