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उरी आतंकी हमला: सामने आया पश्तो में लिखा दहशतगर्दों का मिशन प्लान

फिदायीन हमलावरों के मिशन प्लान में पश्तो भाषा में उरी आर्मी कैंप का नक्शा बना हुआ था. जहां निहत्थे भारतीय सैनिकों की हत्या कर दी गई. नक्शे में कैंप के मेडिकल यूनिट, प्रशासनिक भवन और ऑफिसर्स मेस तक की जानकारी दर्ज होने की बात कही जा रही है.

उरी आर्मी कैंप के निहत्थे जवानों पर फिदायीन हमला उरी आर्मी कैंप के निहत्थे जवानों पर फिदायीन हमला
केशव कुमार
  • श्रीनगर,
  • 19 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 10:24 AM IST

जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर स्थित आर्मी कैंप के 12 ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर आतंकियों के आत्मघाती हमले के बाद एक बड़ा खुलासा हुआ है. हमलावर आतंकियों के पास भारी पैमाने पर असलहों के अलावा पूरे मिशन की लिखित योजना के होने की बात सामने आई है. आतंकी मिशन प्लान पश्तो भाषा में लिखा हुआ था.

आतंकियों के मिशन प्लान में हमले की पूरी जानकारी
अंग्रेजी अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर के मुताबिक, मिशन प्लान में उरी आर्मी कैंप का नक्शा बना हुआ था. जहां निहत्थे भारतीय सैनिकों की हत्या कर दी गई. नक्शे में कैंप के मेडिकल यूनिट, प्रशासनिक भवन और ऑफिसर्स मेस तक की जानकारी दर्ज होने की बात कही जा रही है.

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तालिबान और मसूद अजहर के इशारों पर काम करता है एसएसपी
सैन्य कार्रवाइयों के जानकारों के मुताबिक इस हमले में प्रतिबंधित आतंकवादी समूह सिपाह-ए-साहबा पाकिस्तान (एसएसपी) का हाथ हो सकता है. हाल ही में जैश की मदद से बना यह समूह खुद को 'गार्जियंस ऑफ द प्रोफेट' के नाम से पुकारा जाने पर यकीन करता है. यह दस्ता सीधे जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर के आदेशों पर काम करता है.

तालिबान के इशारों पर काम करने वाले सुन्नी मुसलमानों के समूह पाकिस्तानी देवबंद से जुड़े एसएसपी के बारे में अजहर सार्वजनिक तौर पर कई बार अपने रिश्ते जाहिर कर चुका है.

निहत्थे जवानों पर फिदायीन हमला
उरी कैंप के प्रशासनिक भवन के नजदीक फ्यूल टैंक से बैरल में डीजल भर रहे निहत्थे सैनिकों पर फिदायीन आतंकियों ने हमला कर तीन मिनट में 17 ग्रेनेड दागे थे. इसकी वजह से लगी आग भयानक तरीके से 150 मीटर तक टेंट में फैल गई. सेना के 13 जवान उसमें बुरी तरह जलकर मौके पर ही जिंदा जल गए. वहीं 32 जवान काफी हद तक जलकर से मौत से जंग लड़ रहे थे.

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डोगरा जवान ने मारा पहला आतंकी
डीजल टैंक में आग लगने के बाद उठे धुएं और धमाके की आड़ लेकर आतंकियों ने सबसे पहले 19 साल के डोगरा जवान पर हमला किया. जवान ने सिर में गोली लगने से पहले एक आतंकी को मार गिराया. इसके बाद तीन आतंकी कैंप में घुसकर गोलीबारी करने लगे. सेना के चार कमांडो ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कैंप के दूसरे मंजिल पर 16 कमरों को खाली करवाया और बाकी तीनों आतंकियों को मार गिराया.

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