
झारखंड में सरकार विरोधी अभियान में संलग्न राज्य की 87 गैर सरकारी संस्थाओं यानी एनजीओ को पुलिस और ख़ुफ़िया विभाग ने चिह्नित किया है. आरोप है कि ये संस्थाएं विदेशी फंड की सहायता से राज्य में सरकार को अस्थिर करने, धर्मांतरण के साथ-साथ भोले-भाले आदिवासियों को बहलाने में जुटे हैं.
पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग के माध्यम से सरकार को ऐसी 87 एनजीओ की सूची सौंपी है, जिनके पास विकास के नाम पर विदेशों से सालाना 300 करोड़ से अधिक की राशि आ रही है. सभी 87 एनजीओ फॉरेन कंट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट यानि फेरा के तहत निबंधित हैं और ख़ुफ़िया सूत्रों के मुताबिक इसी की आड़ में विदेशी फंड संस्थाओं तक पहुंच रहा है. विभाग के मुताबिक ये संस्थाएं सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासियों को प्रलोभन देकर धर्मातरण भी करवा रही हैं.
विदेशी फंड का इस्तेमाल धरना-प्रदर्शन में!
सरकार को सौपी रिपोर्ट में इन सभी 87 एनजीओ का एफसीआरए निबंधन रद्द करने की अनुशंसा की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि संस्थाएं एफसीआरए के तहत मिले विदेशी फंड को सरकार विरोधी रैली, धरना-प्रदर्शन में प्रयोग कर रही हैं. ऐसे में इन संस्थाओं का निबंधन विभाग या महालेखाकार कार्यालय से विशेष ऑडिट कराया जा सकता है. बताया जाता है कि ऐसे ही एक रिपोर्ट बीजेपी नेताओं ने भी अमित शाह को सौपी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ये एनजीओ झारखंड राज्य के विभिन्न जिलों/प्रखंडों में निजी अस्पताल, स्कूल, सेल्टर होम आदि का संचालन करते हैं. साथ ही ये आदिवासी लड़कियों को नर्स का प्रशिक्षण दिलाकर बाहर भेजने व धर्म परिवर्तन का दबाव देते हैं. अमित शाह को न सिर्फ ऐसे एनजीओ की सूची सौंपी गयी है, बल्कि उनसे जुड़े दस्तावेज का पुलिंदा भी दिया है, ताकि उनके खिलाफ केंद्र के स्तर से ठोस कार्रवाई हो सके.
अलग-अलग श्रेणियों में रखे गए हैं एनजीओ
रिपोर्ट में एफसीआरए से निबंधित इन 87 एनजीओ को विभिन्न श्रेणी में रखा गया है. इनमें सालाना 39 करोड़ रुपये से नीचे व 7.5 करोड़ रुपये से ऊपर की राशि प्राप्त करने वाले संस्थाओं को टॉप 11 में रखा गया है. 7.5 करोड़ से नीचे व 1.84 करोड़ से ऊपर की राशि प्राप्त करने वाली संस्थाओं को टॉप-12 से 31 के बीच रखा गया है. वहीं, 1.84 करोड़ रुपये से नीचे की राशि प्राप्त करने वाली संस्था को 32 से 87 की सूची में रखा गया है.